BSE में 28 मार्च से T+0 सेटलमेंट सिस्टम के तहत ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी। बीएसई ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। मार्केट में सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक ट्रेडिंग होगी। T+1 सेटलमेंट सिस्टम में लागू होने वाले भी चार्ज और फीस T+0 सेटलमेंट सिस्टम में भी लागू होंगे। इनमें ट्रांजेक्शन चार्ज, सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT), रेगुलेटरी टर्नओवर फीस शामिल होंगे।
SEBI ने 21 मार्च को T+0 सेटलमेंट सिस्टम के बीटा वर्जन के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था। अभी इस सेटलमेंट सिस्टम को विकल्प के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसका मतलब है कि T+1 सेटलमेंट जारी रहेगा। टी प्लस जीरो सेटलमेंट सिस्टम में स्टॉक्स जिस दिन बेचा जाएगा, उसी दिन पैसा इनवेस्टर्स के अकाउंट में आ जाएगा।
बीएसई ने टी प्लस जीरो सेटलमेंट सिस्टम के लिए ट्रेडिंग के स्टैंडर्स जारी किए हैं:
1. स्टॉक का आईडी/सिंबल: स्टॉक का आईडी वही होगा जो टी प्लस वन सिस्टम में होता है। आईडी के बाद # कैरेक्टर का इस्तेमाल होगा। जैसे-HINDMOTORS#
2. ग्रुप: यह उसी तरह होगा जैसा T+1 सिक्योरिटी में होता है
3. टिक साइज: यह वही होगा जो T+1 सिक्योरिटी में होता है
4. ऑर्डर टाइप: End of Day/सेशन, इमिडिएट या कैंसल (IOC), मार्केट एंड लिमिट ऑर्डर
5. मार्केट लॉट: वैसा ही जैसा टी + सिक्योरिटी में होता है।
6. ऑर्डर मैचिंग: Anonymous order book। कंटिन्यूअस मैचिंग विद प्राइस-टाइम प्रायरिटी
7. प्राइस बैंड: प्लस या माइनस 1 फीसदी का प्राइस बैंड संबंधित T+1 सेटल्ड सिक्योरिटी के क्लोजिंग प्राइस पर आधारित, जिसे 0.5 फीसदी प्लस या माइनस मूवमेंट के बाद पूरे ट्रेडिंग ऑवर्स में री-कैलिबेरेट किया जाएगा।
8. एलिजिबल मेंबर्स: इक्विटी सेगमेंट में सभी एलिजिबल मेंबर्स
9. मार्केट टाइमिंग्स: 9:15 बजे से 1:30 बजे तक
10. क्लाइंट कोड मॉडिफिकेशन विंडो: 1:45 बजे तक
11. एलिजिबल क्लाइंट टाइप: कस्टोडियन के जरिए सेटलिंग क्लाइंट्स को छोड़ सभी तरह के क्लाइंट्स
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