राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावी बॉण्ड के जरिये प्राप्त ‘‘अवैध धन’’ से प्रचार कर रही है और जांच एजेंसियां सो रही हैं।
चुनावी बॉण्ड के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि घाटे वाली 33 कंपनियों ने लगभग 581 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड दान किए, जिनमें से 434 करोड़ रुपये भाजपा के पास गए।
उन्होंने कहा कि चुनावी बॉण्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा और अन्य दलों के पास जो पैसा गया वह अवैध था।
सिब्बल ने कहा, ‘‘अगर भाजपा के पास गया धन अवैध है, तो मैं भाजपा से पूछना चाहता हूं कि क्या उसे आयकर विभाग का कोई नोटिस मिला? मैं आयकर विभाग से पूछना चाहता हूं-क्या उसने भाजपा को कोई नोटिस भेजा? मैं ईडी से पूछना चाहता हूं-क्या उसने कोई छापेमारी की?’’
सिब्बल ने कहा, ‘‘आपने कांग्रेस पार्टी के खाते पर रोक लगा दी, लेकिन आपको (भाजपा) करीब 6,655 करोड़ रुपये मिले, क्या आपके खाते पर रोक लगाई गई?’’
भाजपा पर हमला करते हुए सिब्बल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं हुआ। न तो आयकर विभाग ने पार्टी को नोटिस भेजा, न ही ईडी ने छापेमारी की और न ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के खाते पर रोक लगा दी गई, लेकिन चूंकि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग आपके (भाजपा) हैं, इसलिए आपको कोई नोटिस नहीं मिलता या छापे का सामना नहीं करना पड़ता।’’
सिब्बल ने कहा, ‘‘ईडी को वहां पहुंचना चाहिए था और सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’
सिब्बल ने यह भी दावा किया कि चुनावी बॉण्ड के माध्यम से उन कंपनियों द्वारा 2,717 करोड़ रुपये का दान दिया गया, जिनकी पूंजीगत आय उनके दान से कम थी।
सिब्बल ने कहा, ‘‘भाजपा भी सुरक्षित है, कंपनियां भी सुरक्षित हैं। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई सो रही हैं और भाजपा उस पैसे से प्रचार कर रही है, यही ‘मोदी की गारंटी’ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गारंटी यह है कि कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि ईडी, सीबीआई और ईडी उनकी हैं।’’
सिब्बल ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं, आप कहते हैं कि आप राजनीति में नहीं हैं, लेकिन आप देश के बारे में सोचते हैं। जब से चुनावी बॉण्ड पर फैसला आया है, उन्होंने कुछ नहीं कहा। उन्हें कहना चाहिए कि मोदी सरकार का फैसला गलत था।’’
उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।
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