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माली: MINUSMA शान्तिरक्षकों की सुरक्षित वापसी के लिए समर्थन देने का आग्रह

माली: MINUSMA शान्तिरक्षकों की सुरक्षित वापसी के लिए समर्थन देने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र ने संवाददाताओं के नाम जारी एक नोट में कहा है कि माली में संक्रमणकालीन सरकार का दायित्व यूएन शान्तिरक्षकों की सुरक्षा व सलामती को सुनिश्चित करना है. 

इस क्रम में, माली से MINUSMA मिशन की वापसी के लिए सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किए जाने का आग्रह किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वर्ष 2013 में यूएन मिशन की स्थापना की थी, जोकि शान्तिरक्षकों के लिए बेहद ख़तरनाक मिशन के रूप में माना जाता है. 

सुरक्षा परिषद ने इस वर्ष जून में, देश की सैन्य सरकार के अनुरोध पर यूएन मिशन के शासनादेश (mandate) को समाप्त कर दिया गया था. 

यूएन ने बताया कि मिशन की पूर्ण वापसी, तयशुदा अवधि के अनुरूप 31 दिसम्बर तक पूरी होने के मार्ग पर आगे बढ़ा जा रहा है.

क़ाफ़िले के लिए चिन्ता

यूएन मिशन ने शनिवार को उत्तरी माली के अशान्त इलाक़े, तेसालित में स्थित अपने शिविर से सैनिकों और असैनिक कर्मचारियों की त्वरित वापसी को पूरा कर लिया है. मगर, सड़क मार्ग से 550 किलोमीटर दूर स्थित गाओ की ओर जाने वाले क़ाफ़िले की सुरक्षा के प्रति चिन्ता है.

“तेसालित से प्रस्थान, उत्तरी माली के किडाल क्षेत्र में, MINUSMA का पहला कैम्प बन्द होने का द्योतक है, जोकि बद से बदतर होते सुरक्षा हालात में हो रहा है, जिसमें सैकड़ों सैन्य व असैनिक कर्मचारियों की ज़िन्दगियों पर जोखिम है.”

बताया गया है कि गुरूवार को तेसालित में उतरते समय MINUSMA के एक विमान पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई, लेकिन इस घटना में चालक दल का कोई सदस्य घायल नहीं हुआ, और ना ही विमान को क्षति पहुँची है.

यूएन मिशन की योजना जल्द ही, किडाल क्षेत्र के एक दूसरे गाँव में स्थित अपने शिविर से कर्मचारियों को वापिस बुलाने की है.

इसके मद्देनज़र हालात की समीक्षा की जा रही है ताकि आवश्यकता अनुरूप योजना में बदलाव किया जा सके.

यूएन ने बताया कि ज़मीन पर बदतले घटनाक्रम और संचालन व समन्वय में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यूएन मिशन परिस्थितियों अनुसार अपने तौर-तरीक़े बदल रहा है. यूएन शान्तिरक्षकों की सुरक्षा व सलामती सर्वोपरि है.

“इसके लिए पूर्ण पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ क़दम उठाए जा रहे हैं, जोकि शान्तिरक्षा के सिद्धान्तों के अनुरूप हैं.”

सामान नष्ट करने की मजबूरी

संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान दिलाया है कि माली से शान्तिरक्षा मिशन की त्वरित वापसी के परिणामस्वरूप, अनेक साज़ो-सामान, जैसेकि वाहन, उपकरण, आयुद्ध सामग्री, जनरेटर समेत अन्य सम्पत्तियों को नष्ट किया जा रहा है.

आमतौर पर, इन्हें यूएन मिशन में सैन्य टुकड़ी का योगदान देने वाले देशों को लौटा दिया जाता है या फिर अन्य यूएन शान्तिरक्षा मिशन में तैनात किया जाता है. यह एक बड़ी वित्तीय बर्बादी का कारण है.

यूएन मिशन के अनुसार, यदि गाओ में 24 सितम्बर 2023 से रोककर रखे गए 200 ट्रकों को आवाजाही पाबन्दी के बजाय, किडाल क्षेत्र में जाने, तीन शिविरों से सामान व उपकरण लादने की अनुमति मिल जाती, तो इस बर्बादी को रोका जा सकता था. 

यूएन ने माली प्रशासन को उसके दायित्व के प्रति सचेत किया है और सभी पक्षों से आग्रह किया है कि चरणबद्ध ढंग से, माली से सुरक्षित व व्यवस्थित ढंग से शान्ति मिशन की वापसी के लिए समर्थन दिया जाना होगा.

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