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WHO: मध्य पूर्व में टकराव वृद्धि पर गम्भीर चिन्ता

WHO: मध्य पूर्व में टकराव वृद्धि पर गम्भीर चिन्ता

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO के अधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि बीते एक पखवाड़े ने, ग़ाज़ा में गन्दगी निकासी के नालों में पोलियो टाइप-2 के संक्रमण के नमूने पाए जाने, अनेक पड़ोसी देशों में जानलेवा सैन्य हमलों, और सूडान के उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त में अकाल की पुष्टि के अलावा ऐसे ही अनेक गम्भीर घटनाक्रम देखे हैं.

स्वास्थ्य प्रणालियों को फिर से जीवित करना होगा

भूमध्य सागरीय क्षेत्र के लिए WHO की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हनान बालख़ी ने पूरे क्षेत्र में जारी टकराव पर गम्भीर चिन्ताएँ व्यक्त की हैं, जिनमें आम लोगों, राजनैतिक हस्तियों, और बुनियादी ढाँचे पर किए गए जानलेवा हमले शामिल हैं, और जिन्होंने एक वृहद युद्ध के जोखिमों को तेज़ी से बढ़ाया है.

डॉक्टर हनान बालख़ी ने कहा कि नागरिक आबादी पहले ही हिंसा, भूख और बीमारियों से पीड़ित व त्रस्त हैं, और उसे अब और अधिक जोखिमों व ख़तरों में नहीं घेरा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक तबाह करने के बजाय, फिर से जीवत करना होगा, और इस हद तक विकसित करनाहोगा ताकि वो भविष्य के झटकों को बर्दाश्त कर सकें…किसी अगली महामारी जैसे झटके.”

उन्होंने बढ़ते राजनैतिक तनावों के मद्देनज़र ज़ोर दिया कि इस स्थिति के और अधिक बदतर होने और गम्भीर टकराव में तब्दील होने से रोकने के लिए, तमाम कूटनैतिक प्रयास करने होंगे.

ग़ाज़ा के लिए पोलियो अभियान

इस बीच ग़ाज़ा में पोलियो एक बड़ी चिन्ता की बात है. डॉक्टर हनान ने आगाह करते हुए कहा है कि अलबत्ता पोलियो के अभी किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, मगर बच्चों के लिए गम्भीर जोखिम है.

WHO पोलियो के ख़तरे का सामना करने के लिए, स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय और यूनीसेफ़ के साथ मिलकर अनेक उपायों पर काम कर रहा है जिनमें पोलियो निरोधक वैक्सीन पिलाने के अभियान भी जल्द ही शुरू किए जाएंगे.

WHO के क्षेत्रीय कार्यालय में पोलियो उन्मूलन मामलों के निदेशक डॉक्टर हामिद जमारी का कहना है कि 8 वर्ष से कम उम्र के लगभग पाँच लाख बच्चों को, पोलियो निरोधक वैक्सीन की दो ख़ुराकें पिलाई जाएंगी.

डॉक्टर हनान बालख़ी ने ग़ाज़ा में हो रहे अन्य घटनाक्रमों के बारे में बताया कि WHO ने ग़ाज़ा पट्टी से गम्भीर अवस्था वाले मरीज़ों को उपचार के लिए अन्यत्र स्थानों पर ले जाने के लिए एक बहुत बड़े अभियान में मदद की है जिसमें 85 मरीज़ों और उनके सम्बन्धियों को जुलाई के अन्तिम दिनों में संयुक्त अरब अमीरात पहुँचाया गया है.

साथ ही, WHO ने बढ़ते तनाव के बीच लेबनाने के स्वास्थ्य मंत्रालय की सहायता करने के लिए, आपदा विशेषज्ञ और अहम चिकित्सा सामान मुहैया कराए हैं.

सूडान में सहायता

डॉक्टर हनान बालख़ी ने सूडान की स्थिति का भी ज़िक्र किया, जहाँ युद्ध ने उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त के एक हिस्से में अकाल उत्पन्न कर दिया है, विशेष रूप से ज़मज़म विस्थापन शिविर में, जहाँ लगभग पाँच लाख लोग पनाह लिए हुए हैं. अन्य इलाक़े भी अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अकाल के हालात की चपेट में तमाम लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए, सभी मार्गों से आपात स्तर पर सहायता मुहैया कराए जाने की ज़रूरत है.

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