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WHO: जलवायु संकट से निपटने के लिए लेना होगा, उपग्रहों एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सहारा

WHO: जलवायु संकट से निपटने के लिए लेना होगा, उपग्रहों एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सहारा

WMO की महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा, “विज्ञान बहुत स्पष्ट है: हम वैश्विक जलवायु लक्ष्य हासिल करने से बहुत दूर हैं. 2023 बड़े अन्तर से रिकॉर्ड पर दर्ज सबसे गर्म वर्ष था. विश्वसनीय अन्तरराष्ट्रीय आँकड़ों के अनुसार, 2024 के पहले आठ महीने भी, रिकॉर्ड में दर्ज सबसे गर्म महीने रहे हैं.

उन्होनें सतत विकास, जलवायु कार्रवाई व आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए “तात्कालिक एवं महत्वाकाँक्षी कार्रवाई” की अपील करते हुए कहा कि “हम जो निर्णय आज लेगें, वो भविष्य में विघटन या बेहतर विश्व के निर्माण का मार्ग तय करेंगे.”

संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से तैयार की गई, ‘यूनाइटेड इन साइंस’ की नवीनतम रिपोर्ट के कठोर आकलन को दोहराते हुए सेलेस्टे साउलो ने कहा कि रिकॉर्ड स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता से, वैश्विक तापमान वृद्धि तेज़ होगी. उन्होनें कहा कि चरम मौसम “हमारे जीवन एवं अर्थव्यवस्थाओं पर कहर बरपा रहा है.”

उनकी यह टिप्पणी, लातिन अमेरिका और पुर्तगाल में जंगलों में लगी घातक आग, तथा मध्य योरोप में तूफ़ान बोरिस से जुड़ी उस विनाशकारी बाढ़ की पृष्ठभूमि में आई है, जिससे ऑस्ट्रिया, चैक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया तथा स्लोवाकिया के कुछ भाग जलमग्न हो गए हैं.

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले भविष्य के शिखर सम्मेलन के बीच, WMO प्रमुख ने वैश्विक कार्रवाई का आह्वान दोहराया. उन्होंने देशों के विकास, आपदा के प्रति उनकी संवेदनशीलता घटाने में मदद करने व जलवायु अनुकूलन हेतु, प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान, तथा नई तकनीक एवं नवाचार की अनछुई क्षमता को आज़माने पर ज़ोर दिया. 

डिजिटल लाभ, एक वास्तविकता 

उन्होंने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग के ज़रिए, पहले से ही मौसम पूर्वानुमान के विज्ञान में “तेज़, किफ़ायती व सुलभ” क्रान्ति आ रही है. उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक उपग्रह प्रौद्योगिकियाँ एवं वर्चुअल रिएलिटी सिमुलेशन, अब भूमि और जल प्रबंधन जैसे उन प्रमुख क्षेत्रों में “नई सीमाएँ दर्शा रहे हैं” जो पहले से ही जलवायु परिवर्तन व ख़तरनाक मौसम से जोखिम में हैं.

जलवायु विज्ञान में उपग्रह प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सेलेस्टे साउलो ने कहा कि अंतरिक्ष-आधारित पृथ्वी अवलोकन में नवाचारों से, ग्रीनहाउस गैस स्रोतों व कार्बन अवशोषण की निगरानी में सुधार लाया जा सकता है.

WMO महासचिव ने, एक भौतिक वस्तु की आभासी प्रतिकृति निर्मित करने वाली “डिजिटल ट्विन” और वर्चुअल रिएलिटी जैसी नई प्रौद्योगिकियों की क्षमता को भी रेखांकित किया. यह, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने तथा आपदा की तैयारी बढ़ाने में मदद करने के लिए, इमर्सिव सिम्युलेटेड वातावरण प्रदान करतीी हैं.

सेलेस्टे साउलो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के समाधान  के लिए केवल प्रौद्योगिकी का उपयोग पर्याप्त नहीं होगा. उन्होंने सभी देशों से, 22-23 सितम्बर को न्यूयॉर्क में होने वाले भविष्य के शिखर सम्मेलन के दौरान, अपनी विशेषज्ञता एवं अनुभव साझा करने का आग्रह किया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि “अगर हमें वैश्विक लक्ष्य हासिल करने हैं, तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लाभ सभी को सुलभ हों.”

वैश्विक लक्ष्यों का मक़सद 

इन लक्ष्यों में, पेरिस समझौताआपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेन्डाई फ्रेमवर्क और सतत विकास (एसडीजी) के लिए 2030 एजेंडा शामिल हैं.

इस वर्ष की ‘यूनाइटेड इन साइंस’ रिपोर्ट के नवीनतम जलवायु आँकड़ों के अनुसार, अगले पाँच वर्षों में कम से कम एक वर्ष का तापमान, रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष 2023 से अधिक रहने की 86 प्रतिशत सम्भावना है. इसके अलावा इस बात की भी 80 प्रतिशत सम्भावना है कि वैश्विक औसत निकट-सतह तापमान, अगले पाँच वर्षों में से कम से कम एक वर्ष में, अस्थाई रूप से पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5C अधिक होगा.

WMO की साझेदारी में तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने की दिशा में प्रगति ज़रूर हुई है, “लेकिन उत्सर्जन का अन्तराल अभी भी उच्च स्तर पर है.” 

इसमें आगे चेतावनी दी गई है कि अगर मौजूदा नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ तो 66 प्रतिशत सम्भावना है कि इस सदी में वैश्विक तापमान वृद्धि 3C तक पहुँच जाएगी. 

रिपोर्ट के लेखकों ने ज़ोर देकर कहा है कि मौजूदा नीतियों के तहत, “वैश्विक तापमान वृद्धि को 2C और 1.5C से नीचे सीमित करने के लिए, 2030 में वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को उत्सर्जन स्तर से, क्रमशः 28 प्रतिशत और 42 प्रतिशत कम करना ज़रूरी होगा.” 

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