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WHO: ग़ाज़ा में युद्धविराम से, हर दिन 600 ट्रक तक बढ़ सकती है सहायता आपूर्ति

WHO: ग़ाज़ा में युद्धविराम से, हर दिन 600 ट्रक तक बढ़ सकती है सहायता आपूर्ति

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्रों (OPT) में WHO के प्रतिनिधि डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने कहा है, “आने वाले सप्ताहों में, प्रतिदिन 500 से 600 ट्रक तक सहायता सामग्री पहुँचाने का लक्ष्य है.”

सहायता सामग्री से भरे ट्रकों की यह संख्या, हाल के महीनों में हर दिन ग़ाज़ा में पहुँचने वाले 40 से 50 ट्रकों की तुलना में, “बहुत बड़ी वृद्धि” को दर्शाती है. 

विशालकाय चुनौती

WHO के चिकित्सक डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने येरूशेलम से बात करते हुए, युद्धविराम की घोषणा को “आशा का संकेत” क़रार दिया, मगर साथ ही आगाह भी किया कि चुनौती बहुत विशालकाय और कठिन है, क्योंकि भोजन, ईंधन और चिकित्सा सामान की बहुत गम्भीर कमी है जो लम्बे समय से चली आ रही है.

वरिष्ठ मानवीय सहायता कर्मी डॉक्टर पीपरकॉर्न ने कहा कि रविवार को युद्धविराम लागू होने के साथ ही, सहायता सामग्री की आपूर्ति शुरू करने की योजना बनाई गई है.

“हमने पहले से तैयार किए गए अस्थाई क्लीनिक और अस्पताल बनाने का आदेश दिया है, जिन्हें हम मौजूदा सुविधाओं में मिला सकेंगे.

इससे आवश्यक बिस्तर क्षमता में कुछ बढ़ोत्तरी की जा सकेगी, और तत्काल स्वास्थ्य आवश्यकताओं व स्वास्थ्य सेवा की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकेगा.

मानवीय सहायता कर्मियों ने बार-बार चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में, आम लोगों के लिए संकट भयावह स्तर पर पहुँच गया है.

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से अभी तक 46 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 1 लाख 10 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें से बहुत से लोगों को, जीवन बदल देने वाली चोटें लगी हैं.

डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने कहा कि बीमारी फैल रही है और अकाल का ख़तरा बना हुआ है, ये ऐसी ज़रूरतें जिनसे निपटने बहुत ज़रूरी है, ख़ासतौर पर तब जबकि 12 हज़ार से अधिक मरीज़ अब भी विशेष देखभाल के लिए बेहतर चिकित्सा वाले स्थानों के लिए निकाले जाने का इन्तेज़ार कर रहे हैं. इनमें एक तिहाई संख्या बच्चों की है.

निकासी पर धीमी प्रगति

लेकिन मरीज़ों की निकासी की गति बहुत धीमी रही है. WHO के अनुसार, इसराइली अधिकारियों को नवम्बर और दिसम्बर 2024 के बीच पेश किए गए 1,200 अनुरोधों में से केवल 29 को ही मंज़ूरी दी गई, जो कि केवल 2.4 प्रतिशत है.

WHO और अन्य एजेंसियों ने भोजन, पानी और चिकित्सा सामग्री के साथ-साथ, अस्पतालों को ईंधन मुहैया कराने के लिए जैनरेटर और स्पेयर पार्ट्स भी उपलब्ध कराए जाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया है.

ग़ाज़ा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बिखर चुकी है. इस समय, इसके 36 अस्पतालों में से केवल आधे ही चालू हैं.

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य ढाँचे को निशाना बनाया जाना जारी है, और अक्टूबर (2023) से अब तक स्वास्थ्य सेवाओं पर 664 हमलों की ओर इशारा किया है.

इन हमलों के कारण, आम लोगों और चिकित्साकर्मियों की मृत्यु हुई है, साथ ही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को भी भीषण नुक़सान पहुँचा है.

भयानक परिस्थितियों के बावजूद, WHO का लक्ष्य युद्धविराम लागू होने के बाद, एक महत्वाकांक्षी 60-दिवसीय आपातकालीन स्वास्थ्य कार्रवाई योजना को लागू करना है.

इसमें मौजूदा स्वास्थ्य प्रयासों को बढ़ाना, अस्थाई चिकित्सा क्लीनिक स्थापित करना और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करना शामिल है.

कुपोषण से निपटने, रोग निगरानी को मज़बूत करने और उन क्षेत्रों में चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने पर भी ध्यान केन्द्रित करने के प्रयास किए जाएंगे, जहाँ अभी तक पहुँचना मुश्किल था.

स्वास्थ्य के लिए 10 अरब डॉलर की आवश्यकता

WHO के अनुसार, ग़ाज़ा की बिखरी हुई स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बहाल करने के लिए 10 अरब डॉलर से अधिक की राशि की आवश्यकता है.

एजेंसी का कहना है कि साथ ही, भविष्य में जानमाल की हानि से बचने और क्षेत्र के स्वास्थ्य ढाँचे को पूरी तरह से टूटने से बचाने के लिए, पर्याप्त अन्तरराष्ट्रीय समर्थन भी आवश्यक होगा.

तत्काल स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा, व्यापक मानवीय सहायता की भी तत्काल ज़रूरत है.

भोजन, स्वच्छ पानी और आश्रय मूलभूत प्राथमिकताएँ हैं, साथ ही अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की भी भारी कमी है.

फ़िलहाल, अन्तरराष्ट्रीय एजेंसियाँ ​​कठिन और ख़तरनाक परिस्थितियों में काम करना जारी रखे हुए हैं. आशा व्यक्त की गई है कि युद्धविराम लागू होने से, उन लोगों को जीवनदान मिल सकेगा, जो क़ाबिज़ और नाकाबन्दी के शिकार ग़ाज़ा पट्टी में फँसे हुए हैं.

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