भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रायबरेली लोकसभा सीट से उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने मुझपर विश्वास किया है और मैं भरोसा दिलाता हूं कि मर जाऊंगा लेकिन इस विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगा। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार को खुला चैलेंज देते हुए कहा, ‘जो भी गांधी रायबरेली आएंगा वो हारेगा।” बीजेपी ने बृहस्पतिवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। सिंह शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) ने रायबरेली से बीजेपी उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कहा, “BJP के शीर्ष नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास किया है। मैं भरोसा दिलाता हूं कि मर जाऊंगा लेकिन इस विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगा।” उन्होंने दावा किया कि रायबरेली सीट पर भाजपा की जीत होगी।
न्यूज एजेंसी ने PTI के मुताबिक, सिंह ने कहा, ‘‘मेरी प्राथमिकता रायबरेली के छिपे हुए भव्य इतिहास को फिर से नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।’’उन्होंने कहा कि गांधी परिवार कभी भी रायबरेली के लोगों की कसौटी पर खरा नहीं उतरा, जबकि वो लोगों की जरूरत के समय हमेशा उनके साथ खड़े रहे।
‘फर्जी’ गांधी परिवार की ‘विदाई’ तय
बीजेपी की घोषणा के बाद सिंह ने कहा कि रायबरेली से ‘फर्जी’ गांधी परिवार की ‘विदाई’ तय है।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए लिखा, “मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि रायबरेली से ‘नकली’ गांधी परिवार की विदाई तय है। ये तय है कि बीजेपी का ‘कमल’ खिलेगा और कांग्रेस हारेगी। मैंने 4 बार की सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा है। इसलिए प्रियंका गांधी, राहुल गांधी मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं, जो भी गांधी रायबरेली आएंगा, वे हारेगा।”
रायबरेली सीट से कांग्रेस ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है । गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट इस साल की शुरुआत में मौजूदा सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हो गई थी। सोनिया गांधी 2004 से इस सीट से सांसद थीं। कांग्रेस यह सीट केवल तीन बार हारी है।
कांग्रेस से ही BJP में गए दिनेश प्रताप सिंह
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में भी दिनेश सिंह को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें सोनिया गांधी से 1,67,178 वोटों के अंतर से हार मिली थी।
प्रताप सिंह 2010 में कांग्रेस के टिकट पर विधान परिषद सदस्य बने। 2016 के विधान परिषद चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की। वो 2018 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।
उत्तर प्रदेश में 2022 में बीजेपी की सरकार बनने पर उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। उन्होंने 2022 में बीजेपी के टिकट पर विधान परिषद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।