उद्योग/व्यापार

Union Budget 2024 : चार्जिंग सहित ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने से ईवी की बिक्री पकड़ेगी रफ्तार

Budget 2024 : ऑटो सेक्टर को यूनियन बजट से काफी उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। ऑटो सेक्टर में रौनक लौट आई है। कोरोना की मार इस सेक्टर पर भी पड़ी थी। ऑटो सेक्टर के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार का फोकस क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल पर बढ़ा है। उम्मीद है कि बजट में सरकार का फोकस इस पर जारी रहेगा। ऑटो सेक्टर भी एनर्जी ट्रांजिशन के लिए सरकार की तरफ से अनुकूल नीति चाहता है। स्टेटिक के CEO अक्षित बंसल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ ही प्रदूषण में कमी लाने वाले उपाय करने की जरूरत है।

बजट 2024 में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए आ सकती है स्कीम

उन्होंने कहा कि सरकार नेट-जीरो को ध्यान में रख पॉलिसी पेश कर सकती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाना होगा। पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। लेकिन, इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर अभी सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। सर्कुलर इकोनॉमी से जुड़े उपायों को भी बजट में शामिल किया जाना चाहिए। रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना, अपशिष्ट में कमी और मैन्युफैक्चरिंग में इको फ्रेंडली सामग्री के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी जरूरी है।

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FAME स्कीम की अवधि 5 साल बढ़ाने की जरूरत

उन्होंने कहा कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना को अगले 5 सालों के लिए बढ़ाना होगा। यह योजना मार्च तक ही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री की ग्रोथ तभी होगी जब लोग ईवी खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे। अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत काफी ज्यादा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत घटाने के लिए सरकार को टैक्स सहित दूसरे उपायों के बारे में सोचना होगा।

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प्रदूषण रोकने के लिए सख्त नियम बनाने होंगे

इंडियन ऑटो एलपीजी गठबंधन के डायरेक्टर जनरल सुयश गुप्ता ने कहा कि हर साल सर्दी के मौसम की शुरुआत में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। सरकार को प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए कठोर नीति बनानी होगी। क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से वायु प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिल सकती है। ऑटो एलपीजी और एलपीजी कनवर्जन किट पर जीएसटी कम करने की जरूरत है। पेट्रोल और डीजल वाहनों को एलपीजी में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

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