यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF की तरफ़ से जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि अनेक देशों में टकरावों और युद्धों, आर्थिक झटकों और जलवायु आपदाओं के कारण, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण के ये स्तर, 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बहुत उच्च बने हुए हैं.
घातक स्थिति
अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की यह स्थिति, भोजन में पोषक तत्वों और सुरक्षित खाद्य पदार्थों की कमी, व डायरिया, चेचक और मलेरिया जैसी बीमारियों से बार-बार पीड़ित होने का कारण उत्पन्न होती है.
इस स्थिति में बच्चे बेहद कमज़ोर होकर पतले हो जाते हैं, उनकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधी क्षमता, उन्हें आयु सम्बन्धी विकास के लिए संवेदनशील बना देती है और कुछ मामलों में अन्ततः उनकी मृत्यु भी हो सकती है.
EUTF एक ऐसी गाढ़ी पोषक ख़ुराक है जिसे दूध के पाउडर, मूंगफ़ली, मक्खन, वनस्पति तेल, शर्करा, और अनेक विटामिन और खनिज पदार्थों के मिश्रण से तैयार किया जाता है.
इस ख़ुराक ने, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण से पीड़ित लाखों बच्चों को मौत के मुँह से बचाया है.
यूनीसेफ़ के बाल पोषण व विकास मामलों के निदेशक विक्टर अगुआयो का कहना है, “पिछले दो वर्षों के दौरान असाधारण वैश्विक सहायता कार्रवाई की बदौलत, बच्चों में अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की स्थिति पर रोक लगाने और इससे सम्बन्धित मौतों को रोकने के लिए पोषण कार्यक्रम आगे बढ़ाए गए हैं.”
“ये सब ऐसे देशों में किया गया है जो युद्धों व टकरावों, जलवायु और आर्थिक झटकों से गम्भीर रूप से प्रभावित हैं और इस स्थिति के परिणामस्वरूप मातृत्व और बाल पोषण संकट उत्पन्न हो रहे हैं.”
विक्टर अगुआयो का कहना है, “मगर ऐसे लगभग 20 लाख बच्चों का जीवन बचाने के लिए बिल्कुल अभी कार्रवाई किए जाने की ज़रूरत है जो इस ख़ामोश हत्यारे से जूझ रहे हैं.”
ख़त्म हो रहे हैं भोजन भंडार
यूनीसेफ़ का कहना है कि RUTF ख़ुराकों की क़िल्लत के कारण, 12 सर्वाधिक प्रभावित देशों में पहले ही बच्चों को उपचार नहीं मिलने के जोखिम का सामना करना पड़ रहा है.
माली, नाइजीरिया, निजेर, और चाड में, पहले ही पहले ही इस विशेष भोजन के भंडार या तो ख़त्म हो चुके हैं या जल्द ही ख़त्म होने वाले हैं, जबकि कैमेरून, पाकिस्तान, सूडान, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, केनया, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य और यूगांडा में भी इस भोजन के भंडार, 2025 के मध्य तक ख़त्म हो जाएंगे.
अफ़्रीका के साहेल क्षेत्र में, लम्बे समय से जारी सूखा स्थिति, बाढ़ों, और जब-तब होती बारिश के कारण स्थिति और बदतर हो रही है. इसके कारण खाद्य क़िल्लत हो रही है, और खाद्य पदार्थों की क़ीमतें आसमान छू रही हैं, और अन्ततः अत्यन्त गम्भीर पोषण के उच्च स्तरों वाली स्थिति उत्पन्न हो रही है.
उदारण के लिए, माली में 5 वर्ष तक की उम्र वाले लगभग तीन लाख बच्चों के, इस वर्ष, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की चपेट में आने का जोखिम है, मगर पोषण कार्यक्रमों में, विशेष भोजन के भंडार, जुलाई के अन्त में ही ख़त्म होने की तरफ़ बढ़ने लगे थे.
इस बीच, चाड की सरकार ने फ़रवरी (2024) में, खाद्य और पोषण आपातस्थिति की घोषणा की थी, और वहाँ 5 वर्ष तक की उम्र वाले लगभग 5 लाख बच्चों के, इस वर्ष अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की चपेट में आ जाने का जोखिम बताया गया है.
समय बिल्कुल नहीं बचा है
यूनीसेफ़ ने 20 लाख बच्चों को, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की स्थिति का सामना करने के लिए विशेष भोजन, उपचार और देखभाल मुहैया कराने की ख़ातिर साढ़े 16 करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की है. ये बच्चे मृत्यु के जोखिम का सामना कर रहे हैं.
इस स्थिति का सामना करने वाले बच्चों को विशेष भोजन की सहायता मुहैया कराने वाली यह पहल, वर्ष 2022 में शुरू की गई थी. उसके बाद से यूनीसेफ़ ने 90 करोड़ डॉलर की रक़म एकत्र की है.
इस रक़म की मदद से, लगभग 2 करोड़ 15 लाख बच्चों और महिलाओं को ज़रूरी सेवाएँ मुहैया कराई गई हैं, जबकि 4 करोड़ 60 लाख बच्चों को, स्थिति गम्भीर होने से पहले ही सहायता पहुँचाई गई. क़रीब 56 लाख बच्चों को जीवनरक्षक उपचार भी मुहैया कराया गया.
बाल पोषण कोष
यूनीसेफ़ ने, बच्चों में लम्बी अवधि के दौरान कुपोषण की समस्या का सामना करने के लिए, वर्ष 2023 में, ब्रिटेन के विदेश और विकास कार्यालय, बिल एंड मेलिंडा गेट्स संस्थान व बाल निवेश कोष संस्थान की मदद से, बाल पोषण कोष (CNF) शुरू किया था.
इस कोष के लक्ष्यों में अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की रोकथाम के लिए, उपयुक्त और विशेष भोजन व पोषक तत्वों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना शामिल है.