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Term Life Insurance: क्यों आपको रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम का ऑप्शन नहीं खरीदना चाहिए? समझें पूरा गणित

Term Life Insurance: क्यों आपको रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम का ऑप्शन नहीं खरीदना चाहिए? समझें पूरा गणित

भारत की बीमा कंपनियां जानती हैं कि बीमा के मामले में ग्राहक क्या पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग ट्रेडिशनल एंडोवमेंट पॉलिसी लेते हैं, लेकिन कुछ लोग समझने लगे हैं कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस ज्यादा फायदेमंद है। फिर भी, कुछ लोगों को प्रीमियम वापसी का लालच देकर कंपनियां रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम टर्म प्लान बेचती हैं।

यह नॉर्मल टर्म प्लान से कैसे अलग है?

दोनों ही प्लान में व्यक्ति के मृत्यु होने पर समान राशि मिलती है। फर्क सिर्फ मैच्योरिटी पर पड़ता है। नॉर्मल टर्म प्लान में कुछ नहीं मिलता, लेकिन रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान में जमा किया पूरा प्रीमियम वापस हो जाता है। अट्रैक्टिव लगता है, है ना? लेकिन इसमें एक छिपी बात है। रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान का प्रीमियम नॉर्मल टर्म प्लान से ज्यादा होता है। यही कारण है कि इसे नहीं चुनना चाहिए।

उदाहरण से समझें

उदाहरण: 35 साल का एक शख्स 30 साल के लिए 1 करोड़ रुपये का टर्म कवर लेना चाहता है। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की वेबसाइट पर प्रीमियम चेक करने पर पता चला कि नॉर्मल टर्म प्लान का सालाना प्रीमियम 18,934 रुपये है। वहीं, रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम टर्म प्लान का सालाना प्रीमियम 47,712 रुपये है। दोनों में प्रीमियम में 28,778 का अंतर है, जो नॉर्मल टर्म प्लान के लगभग डेढ़ साल के प्रीमियम के बराबर है। दोनों ही प्लान पर हादसा होने पर 1 करोड़ रुपये मिलता है। फर्क सिर्फ इतना है कि नॉर्मल टर्म प्लान में मैच्योरिटी पर कुछ नहीं मिलता, जबकि रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान में जमा किया पूरा प्रीमियम (30 x 47,712 = 14.3 लाख रुपये) वापस हो जाता है। लेकिन ध्यान दें, इसमें कोई ब्याज नहीं मिलता।

दोनों पॉलिसी के प्रीमियम में 28,778 रुपये का अंतर

अगर आपको लगता है कि रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान में मैच्योरिटी पर कुछ तो वापस मिल रहा है (भले ही प्रीमियम ज्यादा हो), तो दोनों पॉलिसी के प्रीमियम में अंतर 28,778 रुपये (47,712 रुपये – 18,934 रुपये) है। अब, अगर रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान लेने की बजाय नॉर्मल टर्म प्लान लिया जाता है (जिसका सालाना प्रीमियम 18,934 रुपये है) और बचा हुआ प्रीमियम (28,778 रुपये) हर साल 30 साल तक निवेश किया जाए, तो क्या होगा? अगर 7% से 10% का रिटर्न मिलता है, तो 30 साल के रेगुलर इन्वेस्टमेंट की राशि 29 लाख रुपये से 52 लाख रुपये के बीच हो सकती है। इसकी तुलना उस प्लान से करें जहां रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान केवल जमा किया गया प्रीमियम (14.3 लाख रुपये) वापस करता है, उस पर कोई ब्याज नहीं मिलता।

अब आप समझ गए होंगे कि रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान क्यों नहीं लेना चाहिए। बेहतर है कि नॉर्मल टर्म प्लान लें और बचा हुआ प्रीमियम (रिटर्न-ऑफ-प्रीमियम प्लान के प्रीमियम से ज्यादा) पीपीएफ, इक्विटी फंड आदि में निवेश करें। इससे आपको कंपनी द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न से कहीं ज्यादा पैसे मैच्योरिटी पर मिलेगें।

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