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Tata AMC के राहुल सिंह ने मार्केट में गिरावट की आशंका जताई, कहा-वैल्यूएशंस बहुत बढ़ गई है

स्टॉक मार्केट में गिरावट आ सकती है। यह अनुमान Tata Asset Management Company के सीआईओ (इक्विटी) राहुल सिंह ने जताया है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में बाजार में थोड़ी गिरावट आ सकती है। इसकी वजह यह है कि निफ्टी का पीई 23 पार कर गया है। एक साल पहले यह 21 से कम था। हालांकि, यह 10 साल के 24 के औसत से कम है। फिर भी दूसरे उभरते बाजारों से तुलना करने पर इंडियन मार्केट्स महंगे लग रहे हैं। मनीकंट्रोल से बातचीत में सिंह ने स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं। इंडियन मार्केट्स कितने महंगे हो गए हैं, इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि MSCI Emerging Market Index का पीई 12 से कम है।

इस साल कम रह सकता है मार्केट का रिटर्न

सिंह ने कहा कि मार्केट में गिरावट की आशंका है। इसके बावजूद मार्केट को लेकर मेरा आउटलुक पॉजिटिव है। हम आने वाले दिनो में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं। हालांकि, इस साल मार्केट का रिटर्न कम रहेगा। लेकिन, अगले तीन-चार साल की बात करें तो कंपनियों और बैंकों की स्ट्रॉन्ग बैलेंसशीट की बदौलत पूंजीगत खर्च की साइकिल के लिहाज से इकोनॉमी में बदलाव दिख रहे हैं।

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मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स गिर सकते हैं

मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा कि जब इकोनॉमी का दायरा बढ़ जाता है तो उसके ज्यादातर हिस्सों का प्रदर्शन अच्छा होता है। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन बेहतर होता है। मेरा मानना है कि तीन से पांच साल में एक्टिव फंड मैनेजर्स के लिए बेहतर प्रदर्शन के खूब मौके मिलेंगे। हालांकि, ऐसा समय आता है जब मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स लार्जकैप के मुकाबले महंगे हो सकते हैं। ऐसे में कीमतें सामान्य स्तर पर आती हैं। हमें आने वाले समय में ऐसा होने का अंदेशा है।

प्राइवेट और सरकारी बैक स्टॉक्स के बीच फर्क घटा है

बैंकिंग स्टॉक्स के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से सरकारी बैंकों के स्टॉक्स के अच्छे प्रदर्शन की वजह यह है कि उनके नॉन-परफॉर्मिंग लोन में कमी आई है। उनकी ग्रोथ भी अच्छी रही है। लेकिन, अब ऐसा समय आ गया है बड़े प्राइवेट बैंकों और सरकारी बैंकों की वैल्यूएशंस के बीच का फर्क घटा है। हालांकि, सरकार बैंकों के शेयरों में थोड़ी और तेजी आ सकती है। लेकिन, यह ज्यादा नहीं होगी। ऐसे में यह कहना ठीक होगा कि बैंकिंग सेक्टर (पब्लिक या प्राइवेट) में एक जैसा रिटर्न दिख सकता है।

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