Suzlon Shares: सुजलॉन ग्रुप ने मंगलवार 19 दिसंबर को आरईसी (REC) के साथ एक समझौते का ऐलान किया। इस समझौते के तहत आरईसी, सुजलॉन ग्रुप को वर्किंग कैपिटल मुहैया कराएगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस समझौते के तहत मिली धनराशि का इस्तेमाल कंपनी की वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिससे मौजूदा ऑर्डरों को पूरा किया जा सके और भविष्य के ऑर्डरों को संभाला जा सके। सुजलॉन ग्रुप, देश का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाला समूह है।
मंगलवार को सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर 0.79% गिरकर 37.55 रुपये के भाव पर बंद हुए। कंपनी की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस वित्तीय व्यवस्था से सुजलॉन के कारोबार में तेजी आने और इसकी स्थापित क्षमताओं का इस्तेमाल के बढ़ने की उम्मीद है।
सुजलॉन ग्रुप के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर हिमांशु मोदी ने कहा, ‘मौजूदा सुविधा नॉन-फंड आधारित है, जो मुख्य रूप से ऑफ-बैलेंस शीट होगी। इससे हम कर्ज मुक्त रहेंगे और हमारे कस्टमर्स और सप्लायर्स के साथ कमर्शल टर्म्स में काफी सुधार होगा।”
Suzlon Energy के शेयरों का भाव पिछले एक महीने में 9% गिरा है। हालांकि पिछले 6 महीने में इसने अपने निवेशकों को 163.51 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। वहीं इस साल की शुरुआत से अबतक इसके शेयरों की कीमत करीब 250.93% बढ़ी है। फिलहाल सुजलॉन एनर्जी के शेयर अपने 52-वीक से करीब 14.77% दूर कारोबार कर रहे हैं।
हालांकि इस शानदार रिटर्न के बावजूद म्यूचुअल फंड ने नवंबर महीने में सुजलॉन एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के आंकड़ों से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड्स ने पिछले महीने कंपनी के 1,090 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इससे पहले सितंबर तिमाही में म्यूचुअल फंडों ने काफी संख्या में सुजलॉन एनर्जी के शेयर खरीदे थे। जून 2023 तिमाही के अंत में सुजलॉन एनर्जी में म्यूचुअल फंडों की 0.74% हिस्सेदारी थी, जो सितंबर तिमाही के अंत में बढ़कर 4.70% पर पहुंच गई। वहीं इसमें निवेश करने वाली कुल म्यूचुअल फंड स्कीमों की संख्या सितंबर तिमाही में बढ़कर 18 पहुंच गई थी।