एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत की रेटिंग आउटलुक में अहम बदलाव करते हुए इसे ‘स्टैबल’ से बढ़ाकर ‘पॉजिटिव’ कर दिया है। मजबूत वृद्धि, पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक व्यय की बेहतर गुणवत्ता और सुधारों और राजकोषीय नीतियों में व्यापक निरंतरता की उम्मीद के बीच 10 साल के अंतराल के बाद भारत के रेटिंग आउटलुक में यह बदलाव संभव हुआ है। इसके साथ ही अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इस पर कहा गया है कि यह भारत के आशाजनक आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
ठोस विकास प्रदर्शन
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया ”एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के जरिए भारत के लिए अपने दृष्टिकोण को ‘स्थिर’ से ‘पॉजिटिव’ में संशोधित करना एक स्वागत योग्य विकास है। यह भारत के ठोस विकास प्रदर्शन और आने वाले वर्षों के लिए एक आशाजनक आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।”
दूरदर्शी नेतृत्व
उन्होंने कहा, ”यह 2014 से किए गए व्यापक आर्थिक सुधारों की श्रृंखला के साथ-साथ पूंजीगत व्यय, राजकोषीय अनुशासन और निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण संभव हुआ है। जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की है, भारत सरकार के तीसरे कार्यकाल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक विकसित भारत बनने की राह पर है।”
S&P Global Ratings’ revision of its outlook on India from ‘stable’ to ‘positive’ is a welcome development. This reflects India’s solid growth performance and a promising economic outlook for the coming years.
It has been possible due to the series of macroeconomic reforms… — Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) May 29, 2024
एसएंडपी ने हालांकि, भारत की सॉवरेन रेटिंग को निम्नतम निवेश ग्रेड ‘बीबीबी-’ पर बरकरार रखा है। ‘बीबीबी-’ सबसे निचली निवेश श्रेणी रेटिंग है। एजेंसी ने पिछली बार 2014 में रेटिंग आउटलुक को ‘निगेटिव’ से बढ़ाकर ‘स्टैबल’ किया था। अमेरिका की एजेंसी ने बुधवार को बयान में कहा कि यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है जिससे सरकार के बढ़े हुए कर्ज और ब्याज के बोझ में कमी आती है और आर्थिक मोर्चे पर जुझारूपन बढ़ता है तो वह अगले 24 महीने में भारत की साख को बढ़ा सकती है।
डिविडेंड ट्रांसफर
एसएंडपी की रेटिंग भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जरिए सरकार को 2.10 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड ट्रांसफर करने के एक सप्ताह के भीतर आई है। इस राशि का इस्तेमाल केंद्र के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए किया जा सकता है।