अलीगढ़/मेरठ (उत्तर प्रदेश) । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) नहीं चाहती कि अनुसूचित जाति (एससी)- अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिले। मायावती ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी केंद्र की सत्ता में आयी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने मेरठ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ बनाने का वादा किया।
बसपा प्रमुख ने मंगलवार को मेरठ के लोहिया नगर क्षेत्र के अलीपुर मैदान में पार्टी उम्मीदवार देवव्रत कुमार त्यागी और अलीगढ़ के महेश्वर इंटर कॉलेज में बसपा उम्मीदवार हितेन्द्र कुमार के समर्थन में अलग-अलग चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस पर निशाना साधा और आरक्षण के मुद्दे को लेकर सपा को कठघरे में खड़ा किया। मायावती ने कहा, ‘‘सरकारी नौकरियों में दलितों, आदिवासियों के लिए आरक्षित पद सालों से भरे नहीं गए हैं।’’
मायावती ने कहा, उत्तर प्रदेश में जब सपा की सरकार थी तब एससी-एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण बिल्कुल खत्म कर दिया गया था। बसपा प्रमुख ने आम मतदाताओं को सपा से सचेत करते हुए कहा क्या एससी-एसटी के कर्मचारी वर्ग ऐसी पार्टी (सपा) को वोट देकर अपना वोट खराब करेंगे, जो आपके आरक्षण को खत्म करने के लिए पूरे जी जान से लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया, सपा नहीं चाहती है कि एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिले। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा, जब पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए राज्यसभा में बसपा संशोधन विधेयक लेकर आई तो सपा सांसदों ने संसद में इस विधेयक को फाड़ दिया था। आप खुद ही बताइए कि ऐसी समाजवादी पार्टी दलितों शोषितों का क्या भला कर सकती है?
बसपा प्रमुख ने केंद्र में सत्ता में आने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ की तरह मेरठ में भी एक खंडपीठ बनाने का वादा करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, हमारी पार्टी केंद्र की सत्ता में आयी तो इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी। मायावती ने पश्चिमी क्षेत्र को मिलाकर अलग से राज्य बनाने का भी वादा किया। उन्होंने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा था लेकिन केंद्र सरकार ने उसे अमल में नहीं लाया। मायावती सरकार ने 2011 में उत्तर प्रदेश को विभाजित कर पूर्वांचल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने का प्रस्ताव पारित किया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र में हमारी पार्टी सत्ता में आयी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा। मायावती ने मेरठ लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार को चुनाव जिताने की अपील की। मेरठ और अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण के अंतर्गत 26 अप्रैल को मतदान होना है। मेरठ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण गोविल, समाजवादी पार्टी की सुनीता वर्मा और बसपा के देवव्रत कुमार त्यागी मुकाबले में हैं। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर मुसलमानों के उत्पीड़न और जुल्म ज्यादती का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बसपा सत्ता में आयी तो मुसलमानों का उत्पीड़न रोका जाएगा। मौसम खराब होने की वजह से अलीगढ़ में कई घंटे देर से पहुंची बसपा प्रमुख ने कहा कि अलीगढ़ लोकसभा सीट से मतदाताओं ने कई बार भाजपा के ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को कामयाब बनाया, लेकिन जनता उनकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं रही।
उन्होंने कहा कि जनता को विकल्प नहीं मिलता तो मजबूरी में उन्हें (अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश शर्मा) जिता देते थे, लेकिन हमने यहां से ब्राह्मण समाज का उम्मीदवार देकर उसका विकल्प दिया है, जो जनता के सुख दुख में रहता है। अलीगढ़ के बसपा उम्मीदवार हितेन्द्र कुमार उपाध्याय के बारे में उन्होंने कहा कि हितेन्द्र को टिकट देने के लिए सिर्फ ब्राह्मण ही नहीं, सर्व समाज और मुस्लिम समाज के लोग भी लखनऊ आकर मुझसे सिफारिश किये। अलीगढ़ की सभा में ही उन्होंने हाथरस (आरक्षित) सीट के उम्मीदवार धनगर समाज के हेम बाबू को भी जिताने की अपील की। साथ ही मायावती ने मथुरा से जाट उम्मीदवार दिये जाने की वजह बताते हुए कहा कि मथुरा की जनता चाहती थी कि बाहरी नहीं बल्कि पढ़ा लिखा स्थानीय व्यक्ति उनका उम्मीदवार हो तो हमने मथुरा से सुरेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
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