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Shiprocket ई-कॉमर्स वैल्यू चेन में बढ़ना चाहती है आगे, 15 प्रोडक्ट्स का सेट किया तैयार

Shiprocket ई-कॉमर्स वैल्यू चेन में बढ़ना चाहती है आगे, 15 प्रोडक्ट्स का सेट किया तैयार

कोविड19 महामारी के बाद डायरेक्ट टू कंज्यूमर बिजनेस यानि कि D2C की तेज लहर देखने को मिली। इसका फायदा शिपरॉकेट (Shiprocket) ने भी उठाया। ​थीसिस थी, लॉजिस्टिक्स कंपनियों देल्हीवेरी, एक्सप्रेसबीस, ईकॉम एक्सप्रेस, फेडएक्स और ब्लू डार्ट जैसी लॉजिस्टिक्स कंपनियों की सर्विसेज को एक प्लेटफॉर्म पर लाना। शिपरॉकेट, ईकॉमर्स लॉजिस्टिक्स और शिपिंग सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन के बिजनेस में है। वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2023 के बीच, ई-कॉमर्स को अपनाए जाने और नए कंज्यूमर ब्रांड्स की वृद्धि ने कंपनी को अपना रेवेन्यू 161 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,089 करोड़ रुपये करने में मदद की।

लेकिन लॉजिस्टिक्स एग्रीगेशन के साथ समस्या यह है कि माल को ट्रांसपोर्ट करना, ई-कॉमर्स वैल्यू चेन का एक बहुत छोटा हिस्सा है। शिपरॉकेट के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर प्रफुल्ल पोद्दार के अनुसार, यह छोटे और मध्यम व्यवसायों (एसएमबी) के कुल खर्च का सिर्फ 10-15 प्रतिशत है। इसके उलट मार्केटिंग में 30-40 प्रतिशत खर्च होता है और बेची गई चीजों की लागत 20-25 प्रतिशत के बीच होती है।

शिपरॉकेट का 15 प्रोडक्ट का सेट

यही कारण है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों को क्रॉस-सेल करने के लिए 15 प्रोडक्ट्स का एक सेट तैयार किया है, जैसे कि ब्रांड्स के लिए इनफ्लूएंसर्स को एक साथ लाने के लिए टूल्स, टेलीमार्केटिंग का ऑटोमेशन, रेवेन्यू-बेस्ड फाइनेंसिंग, वॉट्सऐप कॉमर्स, ओएनडीसी इंटीग्रेशन और डेटा एनालिटिक्स के लिए एक एपीआई मार्केटप्लेस। कंपनी के अनुसार, वैल्यू चेन में आगे बढ़ने की रणनीति पहले से ही सफल होने के संकेत दे रही है क्योंकि इसके 100,000 मासिक एक्टिव सेलर्स में से 50 प्रतिशत, कम से कम 3 प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं।

शिपरॉकेट में Zomato, McKinsey और Tribe Capital जैसी कंपनियों का पैसा लगा है। फाइनेंशियल डेटा प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के मुताबिक, शिपरॉकेट ने 12 राउंड में 35 करोड़ डॉलर से ज्यादा की फंडिंग जुटाई है। कहा जा रहा है कि कंपनी 1.2 अरब डॉलर की फ्लैट वैल्यूएशन पर फ्रेश फंडिंग जुटाने पर विचार कर रही है।

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वॉट्सऐप पर बड़ा दांव

इन सभी वैल्यू एडेड सर्विसेज में से शिपरॉकेट, वॉट्सऐप के नेतृत्व वाले कॉमर्स पर सबसे अधिक फोकस करती है। वजह, कंपनी के सभी लेनदेन का 30 प्रतिशत मैनुअल रूप से प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया जाता है, जिसका अर्थ है कि वे सोशल मीडिया ऐप्स के चैट इंटरफेस पर जनरेट होते हैं। इनमें से वॉट्सऐप 50 करोड़ से अधिक यूजर्स के साथ भारत में सबसे बड़ा सोशल मीडिया ऐप है।

शिपरॉकेट के को-फाउंडर और सीईओ साहिल गोयल का कहना है, “हम वॉट्सऐप पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। एसएमबी जगत के लिए, यह एक बहुत पावरफुल टूल है। यह वाकई में एक बहुत पावरफुल डिस्ट्रीब्यूशन चैनल है क्योंकि यह भारत में हर किसी के पास है। इसलिए, वॉट्सऐप पर और अधिक काम होने वाला है जिसे आप बाजार में देखेंगे, और अगले 12 से 24 महीनों में हमारी ओर से देखेंगे।” कंपनी ने अपने SaaS डैशबोर्ड को वॉट्सऐप के साथ इस तरह से इंटीग्रेट किया है कि मर्चेंट, मैसेजिंग ऐप पर ’10 सेकंड’ के अंदर शॉपिंग एक्सपीरियंस सेट कर सकते हैं।

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