SGB Issue: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की नई किस्त 12 फरवरी (सोमवार) को खुल जाएगी। यह इश्यू निवेश के लिए 5 दिन के लिए खुला रहेगा। इसमें प्रति ग्राम सोने की कीमत 6,263 रुपये तय की गई है। RBI ने इस बारे में 9 फरवरी को बताया। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि Sovereign Gold Bond 2023-24 सीरीज 4 इस महीने की 12 तारीख को खुलेगी। सरकार ने आरबीआई की सलाह से एसजीबी के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल तरीके से पेमेंट पर प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट देने का फैसला किया है। इस डिस्काउंट के साथ निवेशक के लिए गोल्ड बॉन्ड की कीमत प्रति ग्राम 6,213 रुपये होगी।
एसजीबी में ऑफलाइन इनवेस्टमेंट का विकल्प भी है। शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट्स बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) में ये बॉन्ड बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), CCIL, पोस्ट ऑफिस, एनएसई और बीएसई में भी ये बॉन्ड उपलब्ध होंगे।
999 प्योरिटी वाले गोल्ड के सिंपल एवरेज क्लोजिंग प्राइस के आधार पर एसजीबी की कीमत तय की जाती है। एसजीबी इश्यू खुलने से पहले इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की तरफ से हफ्ते के अंतिम तीन दिन के क्लोजिंग प्राइस बताया जाता है। उसी के आधार पर इसकी कीमत तय होती है।
एसजीबी के निवेशकों को हर साल उसकी नॉमिनल वैल्यू पर 2.50 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। इसका पेमेंट छमाही आधार पर होता है। इस तरह निवेशकों को एक तरह सोने की कीमतों में इजाफा का फायदा मिलता हो तो दूसरी तरफ उसे निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी इंटरेस्ट भी मिलता है।
कोई व्यक्ति (इंडिविजुअल) एसजीबी के इश्यू में एक वित्त वर्ष में मैक्सिमम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकता है। हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम तय है। दूसरी संस्थाओं के लिए भी अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम की है।
एसजीबी का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल होता है। इसका मतलब है कि 8 साल बाद निवेशक को सोने के मौजूदा कीमत के आधार पर पेमेंट कर दिया जाता है। मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की सुविधा है। इंटरेस्ट पेमेंट के 5वें साल से इसमें से पैसे निकाले जा सकते हैं।
एसजीबी सरकार की तरफ से RBI जारी करता है। इसलिए इसे बहुत सुरक्षित माना जाता है। इसका मतलब है कि इसमें निवेश करने पर पैसे की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं होती है। एसजीबी को लोन लेने के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। इसका मकसद फिजिकल गोल्ड की डिमांड में कमी लाना था। पिछले 9 साल में एसजीबी में निवेशकों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई है। इससे लोगों में सेविंग्स को बढ़ावा देने में भी मदद मिली है।