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Sensex-Nifty रिकवर होकर ग्रीन जोन में बंद, लेकिन इस कारण IT और Pharma Stocks ने नहीं लौटी खरीदारी

Sensex-Nifty रिकवर होकर ग्रीन जोन में बंद, लेकिन इस कारण IT और Pharma Stocks ने नहीं लौटी खरीदारी

घरेलू मार्केट में आज कारोबार की शुरुआत में बिकवाली का दबाव रहा। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सों सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) ने धीरे-धीरे रफ्तार तो पकड़ी और दिन के आखिरी में अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी तरफ आईटी और फार्मा शेयर दिन के आखिरी तक लय नहीं पकड़ पाए। निर्यात पर आधारित आईटी और फार्मा कंपनियों के शेयरों को अनुमान से अधिक अमेरिकी इनफ्लेशन के आंकड़ों ने झटका दिया। इनफ्लेशन के आंकड़ों ने मार्च में ब्याज दरों में राहत की उम्मीदों को हल्का कर दिया है।

एनालिस्ट्स का मानना है कि इन सेगमेंट्स पर नियर टर्म में दबाव बना रहेगा क्योंकि मार्केट में ओवरबॉट की स्थिति बनी हुई है। निफ्टी आईटी आज 1.12 फीसदी और निफ्टी फार्मा 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है। इंट्रा-डे में निफ्टी आईटी 2.62 फीसदी और निफ्टी फार्मा 1.90 फीसदी तक टूट गया था।

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इस कारण गिरे शेयर और आगे ये है रुझान

निफ्टी आईटी इंडेक्स को एलएंडटी टेक, कोफोर्ज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और टीसीएस में बिकवाली के चलते दबाव झेलना पड़ा। एक्सिस सिक्योरिटीज PMS के पोर्टफोलियो मैनेजर निशित मास्टर का कहना है कि आईटी शेयरों को ब्याज दर में कटौती का इंतजार और लंबा होने के चलते झटका लगा है। निशित के मुताबिक ब्याज दरें कम होती हैं तो आईटी पर खर्च ट्रैक पर आ सकता है। उनका मानना है कि आईटी शेयरों में नियर टर्म में दबाव बना रह सकता है क्योंकि कोई फंडामेंटल ट्रिगर दिख वहीं रहा है। निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी हल्की कर सकते हैं।

IDBI कैपिटल के रिसर्च हेड एके प्रभाकर का भी ऐसा ही मानना है। एके का कहना है कि एक्सपोर्ट आधारित सेक्टर्स की निगाहें अमेरिकी चुनाव पर भी लगी हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर आयात या वीजा के नियमों में बदलाव होता है तो इन सेक्टर्स पर असर पड़ेगा। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव पर मार्केट की निगाहें लगी हुई हैं। अमेरिका में चुनाव नवंबर में है।

निफ्टी फार्मा को ग्लेनमार्क, सिप्ला और अरबिंदो फार्मा में गिरावट के चलते झटका लगा। एनालिस्ट्स ने इसका जिम्मेदार मुनाफावसूली को बताया क्योंकि इस साल निफ्टी फार्मा 9 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है जबकि निफ्टी 50 आधे फीसदी के करीब फिसला है। निशित मास्टर के मुताबिक फार्मा कंपनियों के लिए दिसंबर तिमाही भी बाजार के अनुमानों के हिसाब से रही। हालांकि एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट (API) कंपनियों पर ब्याज दरों में कटौती में देरी का असर दिख सकता है और बाकी फार्मा कंपनियों का परफॉरमेंस बढ़िया रह सकता है।

अब जुलाई में दरों में कटौती की उम्मीद

अमेरिकी इनफ्लेशन के आंकड़े सामने आने पर यील्ड और डॉलर के रेट्स रातोंरात बढ़ गए। 10 साल की अवधि वाला अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 0.15 फीसदी बढ़कर 4.3 फीसदी और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स करीब तीन महीने के हाई 104 पर पहुंच गया। इन आंकड़ों से अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में कटौती को आगे खिसकाने की एक वजह मिल गई। मार्केट को अब उम्मीद है कि जून की बजाय जुलाई में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।

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