मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के बाद अब रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपने बुलेटिन में स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट के बुलबुले को लेकर चेतावनी जारी की है। केंद्रीय बैंक ने अपने मंथली बुलेटिन में कहा है, ‘बुल मार्केट में शेयरों की तेजी जारी है। बीच-बीच में करेक्शन भी देखने को मिल जाता है। लार्ज कैप कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं, लेकिन मिड और स्मॉल-कैप कंपनियों में यह तेजी और ज्यादा है।’
रिजर्व बैंक का यह बुलेटिन मंथली पब्लिकेशन है, जिसमें घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अहम जानकारी और राय पेश की जाती है, लेकिन यह आधिकारिक तौर पर केंद्रीय बैंक की राय नहीं होती है। बैंकिंग रेगुलेटर का कहना है कि भारतीय शेयरों में FPI होल्डिंग एक दशक के निचले स्तर पर 16.3 पर्सेंट पर पहुंच चुकी है, जो घरेलू संस्थानों (म्यूचुअल फंड भी शामिल) द्वारा खरीदारी में बढ़ोतरी का संकेत है।
केंद्रीय बैंक का कहना है कि रुपया कम उतार-चढ़ाव वाली मुद्राओं में शामिल है और इसमें लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। इसमें कहा गया है, ‘अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में फॉरेन डायरेक्ट निवेश (FDI) में 11.4 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और इससे भी रुपये को मजबूती मिली।’ रिजर्व बैंक के मुताबिक, बॉन्ड यील्ड 9 महीने के निचले स्तर पर है और कॉरपोरेट बॉन्ड की जबरदस्त मांग है। केंद्रीय बैंक का कहना है, ‘ग्लोबल बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय सोवरेन बॉन्ड्स को शामिल किए जाने से रुपये वाले ऑफशोर बॉन्ड की मांग बढ़ी है।’
रिजर्व बैंक पहला रेगुलेटर नहीं है, जिसने मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट को लेकर चेतावनी जारी की है। म्यूचुअस फंड इंडस्ट्री संस्था AMFI ने सेबी से मिली ईमेल के आधार पर 27 फरवरी को एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें म्यूचुअल फंड के ट्रस्टियों से कहा गया था कि सेबी की चेतावनी के मद्देनजर उन्हें ऐसी पॉलिसी बनानी चाहिए, ताकि इन स्कीमों में निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहे।