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SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगा 30 जून तक का समय

SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगा 30 जून तक का समय

सुप्रीम कोर्ट - India TV Hindi

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सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है। एसबीआई ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले एसबीआई को 6 मार्च तक विवरण जमा करने को कहा था।

बैंक ने कोर्ट में दी ये दलील

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर एसबीआई ने दलील दी कि ‘‘प्रत्येक साइलो’’ से जानकारी फिर से प्राप्त करना और एक ‘साइलो’ की जानकारी को दूसरे से मिलाने की प्रक्रिया में समय लगेगा। शीर्ष अदालत ने एसबीआई को विवरण साझा करने का भी निर्देश दिया था, जिसमें “प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की खरीद की तारीख, बॉन्ड के खरीदार का नाम और खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का मूल्य शामिल हो। 

याचिका में कही ये बात

याचिका में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड को ‘‘डिकोड करना’’ और दानकर्ताओं द्वारा दिए गए दान का मिलान करना एक जटिल प्रक्रिया होगी। कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में राजनीति के वित्तपोषण के लिए लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निरस्त कर दिया था और चंदा देने वालों, बॉन्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ऐतिहासिक फैसला

लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपने फैसले में, शीर्ष अदालत ने एसबीआई को छह साल पुरानी योजना में दानकर्ताओं के नामों का निर्वाचन आयोग को खुलासा करने का आदेश दिया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने निर्देश दिया था कि एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुगतान कराए गए सभी चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देना होगा। इसने कहा कि इस ब्योरे में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।

इनपुट-भाषा

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