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SAT ने डार्क-फाइबर केस में NSE पर जुर्माना लगाने का SEBI का आदेश पलटा, जानिए क्या है मामला

सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल यानी SAT ने डार्क-फाइबर (Dark Fibre) केस में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर जुर्माना लगाने का सेबी का आदेश रद्द कर दिया है। इस मामले में सेबी ने NSE पर सात करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने NSE के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम पर 5 करोड़ रुपया जुर्माना लगाने के सेबी के आदेश को भी निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण, पूर्व अधिकारी रवि वाराणसी और कुछ स्टॉक ब्रोकरों समेत अन्य के खिलाफ रेगुलेटरी आदेश को भी आंशिक रूप से निरस्त किया गया है।

SAT का यह फैसला NSE, उसके पूर्व अधिकारियों और स्टॉक ब्रोकरों सहित 18 एंटिटीज के खिलाफ जून 2022 में पारित सेबी के आदेश के खिलाफ दायर अपीलों पर आया है। अपीलकर्ताओं ने कई आधारों पर इस आदेश को चुनौती दी थी।

SEBI के आदेश में क्या था?

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपने आदेश में PFUTP नियमों के साथ अपने सर्कुलर के उल्लंघन के लिए अलग-अलग राशि का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 (SCRA) के उल्लंघन पर भी जुर्माना लगाया गया था। सेबी ने अपने आदेश में एनएसई पर सात करोड़ रुपये और रामकृष्ण, वाराणसी और सुब्रमण्यम पर पांच-पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा वे2वेल्थ ब्रोकर्स, जीकेएन सिक्योरिटीज और संपर्क इंफोटेनमेंट पर भी जुर्माना लगा था। यह मामला NSE में कुछ ब्रोकिंग फर्मों को अन्य फर्मों से पहले ‘डार्क फाइबर’ के रूप में दी गई कथित पहुंच से संबंधित है। इससे इन फर्मों को शेयर सौदों के लेनदेन में बढ़त मिलने का आरोप है।

SAT ने दिए ये आदेश

ट्रिब्यूनल ने इस मामले में सेबी का आदेश खारिज करते हुए कहा कि निर्णय देने वाले अधिकारी के आदेश में NSE पर लगाए गए नौ आरोपों में से सात आरोप वही थे जो होल टाइम मेंबर ने दिए थे। इन सात आरोपों को सैट पहले ही खारिज कर चुका है। सैट ने NSE के खिलाफ दो अन्य आरोपों को भी खारिज कर दिया।

रामकृष्ण पर PFUTP नियमों के उल्लंघन पर लगा तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी निरस्त कर दिया गया। सैट ने सेबी के जुर्माने को मनमाना और अत्यधिक बताते हुए SCRA के उल्लंघन के लिए दो करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा रवि वाराणसी पर जुर्माने की राशि कम करते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है तो पर्याप्त न्याय होगा।

इसके साथ ही सैट ने रामकृष्ण को तीन साल और तीन अन्य पूर्व अधिकारियों – रवि वाराणसी, नागेंद्र कुमार और देवी प्रसाद सिंह- को दो साल के लिए किसी कंपनी में मैनेजमेंट से जुड़े पद पर रहने से रोकने के सेबी के निर्देश को भी रद्द कर दिया। अगस्त में सैट ने सेबी के उस आदेश को आंशिक रूप से रद्द कर दिया था जिसमें एनएसई को डार्क-फाइबर मामले में ब्याज समेत 62.6 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया गया था।

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