दुनिया की अर्थव्यवस्था इन दिनों चौतरफा चुनौतियों का सामना कर रही है। रिजर्व बैंक की फाइनेंशियल स्टेबलिटी रिपोर्ट में ये बात कही गई है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूती डटी हुई है। रिपोर्ट में और क्या खास बातें हैं ये बताते हुए सीएनबीसी आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में चौतरफा चुनौतियां हैं। ऐसे में विकास की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है। दुनिया में क्षेत्रीय संघर्ष लंबा चल सकता है। हालांकि ग्लोबल कमजोरी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी बेहतर स्थिति में है। घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम में सुधार जारी है।
बैंकों का ग्रॉस NPA रेश्यो रेशियो 3.2 फीसदी पर पहुंच गया है। NBFCs की हालत बेहतर हुई है। बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर RBI का रुख पॉजिटिव है। फाइनेंशियल स्टेबलिटी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सितंबर 2024 तक बैंकिंग सेक्टर का NPA 3.1 फीसदी के करीब रह सकता है। वहीं बेहद खराब स्थिति में ही ये आंकड़ा 4.4 फीसदी तक बढ़ेगा।
आरबीआई ने अपनी इस रिपोर्ट में आगे कहा है कि सितंबर 2023 में सीआरएआर 27.6 फीसदी, जीएनपीए रेशियो 4.6 फीसदी और रिटर्न ऑन एसेट (आरओए) 2.9 फीसदी पर पहुंच गया। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में हो रहे सुधार का संकेत मिलता है। इसके अलावा जीएनपीए भी इस साल गिरकर 3.2 फीसदी पर पहुंच गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि आरबीआई ने देश की अर्थव्यवस्था के सामने किसी भी जोखिम से निपटने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है।