स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश कुमारा खारा ने कहा है कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की फाइनेसिंग से जुड़े रिजर्व बैंक के प्रस्तावित नियमों को लागू किया जाता है, तो बैंक इंफ्रा लोन के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। खारा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इंफ्रा से जुड़े प्रावधान में बढ़ोतरी ज्यादा नहीं होगी। हम इसे बर्दाश्त कर लेंगे और अगर यह प्रस्ताव हकीकत में बदलता है, तो हम कर्ज की दरों की समीक्षा करेंगे।’
रिजर्व बैंक ने 3 मई को प्रस्ताव किया कि बैंकों को सभी अंडर-कंस्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा प्रावधान करना चाहिए। साथ ही ऐसे लोन पर नजर रखने को कहा, जो डूब सकते हैं। खारा का यह भी कहना था कि बैंक ने कुछ मूल्यांकन किया है और जल्द ही अपनी राय से रिजर्व बैंक को अवगत कराएगी। स्टेट बैंक के पास इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का फाइनेंस बुक 1.20 लाख करोड़ का है।
रिजर्व बैंक ने क्या प्रस्ताव किया है?
रिजर्व बैंक के प्रस्ताव के मुताबिक, अगर कोई प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के चरण में है, तो बैंकों को उस लोन की रकम का 5 पर्सेंट अलग करके रख देना चाहिए। प्रोजेक्ट चालू रहने पर यह रकम घटकर 2.5 पर्सेंट हो जाएगी। अगर प्रोजेक्ट के पास पर्याप्त कैश फ्लो है और वह अपने मौजूदा दायित्वों का भुगतान करने में सक्षम है, तो यह रकम घटकर 1 पर्सेंट हो जाएगी।
बैंकों को चरणबद्ध तरीके से 5 पर्सेंट का प्रावधान करने की जरूरत होगी: वित्त वर्ष 2025 में 2%, वित्त वर्ष 2026 में 3.5% और वित्त वर्ष 2027 तक 5%। फिलहाल, बैंकों को ऐसे प्रोजेक्ट लोन पर 0.4 पर्सेंट का प्रावधान करने की जरूरत पड़ती है, जो विलंबित या स्ट्रेस्ड नहीं हैं।