Ram Mandir Inauguration: अगले महीने भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह के अंदर स्थापित की जाने वाली भगवान राम लला की मूर्ति (Ram Lalla Idol) पर फैसला करने के लिए मतदान शुक्रवार को होना है। खबरों की मानें, तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) की बैठक में वोटिंग होगी।
Hindustan Times के मुताबिक, सूत्रों ने कहा, “अलग-अलग मूर्तिकारों द्वारा बनाए गए तीनों डिजाइनों को मेज पर रखा जाएगा। जिस एक मूर्ति को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, उसे 22 जनवरी को मंदिर के अभिषेक के समय स्थापित किया जाएगा।”
इससे पहले बुधवार को, ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा था कि भगवान राम की पांच साल पुरानी राम लला को प्रतिबिंबित करने वाली 51 इंच ऊंची मूर्ति को तीन डिजाइनों में से चुना जाएगा।
उन्होंने कहा, “जिसमें सबसे अच्छी दिव्यता होगी और जो दिखने में भगवान के बचपन के रूप जैसी लगेगी, उसका ही चयन किया जाएगा।”
इस बीच, श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को जिले के शीर्ष अधिकारी के साथ राम जन्मभूमि पथ और परिसर पर चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया।
ये निरीक्षण अगले महीने होने वाले अभिषेक समारोह से पहले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अयोध्या की यात्रा से ठीक दो दिन पहले हुआ।
मिश्रा ने ANI से बात करते हुए कहा, “काम जल्दबाजी में नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसमें पर्याप्त समय लगाकर गुणवत्तापूर्ण तरीके से काम किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “निर्माण कार्य को तीन चरणों में बांटा गया है। पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा होगा, दूसरा चरण, जब मंदिर का निर्माण पूरा होगा, जनवरी में किया जाएगा और तीसरे चरण में परिसर में निर्माण कार्य शामिल है।
मिश्र ने अधिकारियों को जन्मभूमि पथ पर ‘स्वागत द्वार’ और छत्र के साथ लगाए जा रहे सुरक्षा उपकरणों का काम दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया। मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा।
16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट की तरफ से नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।
इसके बाद 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे।
18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद ‘नवग्रह’ की स्थापना और ‘हवन’ किया जाएगा।
राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा।