Push Month 2023: सनातन धर्म में पौष महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें लोहड़ी और मकर संक्रांति प्रमुख हैं। इसके अलावा, पाक्षिक एकादशी और प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि समेत कई अन्य व्रत भी मनाए जाते हैं। साथ ही कई महापुरुषों का जन्म दिवस भी पौष महीने में पड़ता है। पंचांग के अनुसार, पौष महीने की शुरुआत 27 दिसंबर से हो रही है। यह महीना 25 जनवरी 2024 तक रहेगा।
सनातन धर्म में पौष महीन का खास महत्व बताया गया है। हालांकि इस महीने के शुरुआती दो भाग में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन इस महीने में पितृपक्ष के जरूर काम किए जाते हैं। इस महीने को छोटा पितृपक्ष भी कहते हैं। यही महीना यश, सेहत और धन के लिए काफी अच्छा माना गया है।
सूर्य देव की होती है पूजा
सनातन धर्म में सूर्य देवता को ऊर्जा की प्रतीक माना गया है। इसलिए इस महीने मे सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का खास महतव है। मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से इंसान की सेहत बेहतर रहती है। उसके जीवन में यश की प्राप्ति होती है। इसे छोटा पितृ पक्ष महीने के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा-अर्चना की जाती है। आदित्य पुराण के अनुसार, पौष माह में रोजाना तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। मान्यता है इससे गंभीर बीमारियां दूर रहती है, व्यक्ति तेजस्वी बनता है।
पौष माह में क्या न करें
पौष के महीने में तला भोजन, मेवा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इनकी बजाय गुड़, लौंग, अजवाइन खाना सेहत के लिए अच्छा माना गया है। इस दौरान ठंड चरम पर रहती है। लिहाजा ठंडे पानी या स्नान में सावधानी बरतें।