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Prabhasakshi Newsroom: अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते Nitish, BJP के साथ कौन सी खिचड़ी पका रहे?

Nitish Kumar

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सबसे पहले अगर बात जनता दल यूनाइटेड की करें तो आज इसकी बैठक दिल्ली में हुई। इसमें ललन सिंह और नीतीश कुमार मौजूद रहे। सूत्रों का दावा है कि ललन सिंह 29 तारीख को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि इसके बारे में जब पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने इन तमाम खबरों को पूरी तरीके से बकवास करार दिया और कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

बिहार की राजनीति में जबरदस्ती तरीके से सियासी बवाल मचा हुआ है। सभी को खरमास खत्म होने का इंतजार है। इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। बिहार की राजनीति में चर्चाओं का दौर तब शुरू हो गया जब यह खबर आई की ललन सिंह जदयू अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार इसको लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। लेकिन उनकी भाजपा से बढ़ती नजदीकियों को लेकर चर्चा जबरदस्त तरीके से जारी है। अलग-अलग तरह की बातें कहीं जा रही है। साथ ही साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से नीतीश कुमार को एनडीए का कन्वीनर बनाने की भी बात कह दी गई है। बावजूद इसके नीतीश कुमार अभी खुलकर किसी तरीके की बात नहीं कह रहे हैं। वह जदयू की बैठक को भी सामान्य बता रहे हैं। 

बात जदयू की

सबसे पहले अगर बात जनता दल यूनाइटेड की करें तो आज इसकी बैठक दिल्ली में हुई। इसमें ललन सिंह और नीतीश कुमार मौजूद रहे। सूत्रों का दावा है कि ललन सिंह 29 तारीख को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि इसके बारे में जब पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने इन तमाम खबरों को पूरी तरीके से बकवास करार दिया और कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हालांकि, सूत्र पूरी तरीके से दावा कर रहे हैं कि ललन सिंह नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रख सकते हैं और पार्टी सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनने पर राजी हो जाएगी। हालांकि, यह बात भी सच है कि अगर कहीं आग नहीं लगी होती तो धुंआ भी नहीं होता। भले ही जदयू की ओर से यह दावा किया जाए कि पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक है। लेकिन कहीं ना कहीं मतभेदों का अंबार है और उसे दुरुस्त करने की कोशिश पार्टी के सर्वमान्य और लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार की ओर से की जा सकती है। 

NDA में जाएंगे नीतीश

सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि खरमास के बाद नीतीश कुमार एनडीए का रुख कर सकते हैं। हालांकि नीतीश और उनकी पार्टी की ओर से इसको लेकर कुछ नहीं कहा जा रहा। लेकिन नीतीश कुमार के पलटी मारने के इतिहास को देखें तो वह खामोशी से किसी काम को अंजाम देने में माहिर रहे हैं। यही कारण है कि भले ही उनकी पार्टी कुछ भी कहे, लेकिन नीतीश कुमार कब क्या करेंगे, उनके अलावा कोई नहीं जानता है। 9 सितंबर के बाद से नीतीश कुमार और बीजेपी आलाकमान के बीच स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है। उस स्क्रिप्ट के हिसाब से ही नीतीश कुमार पाला बदल सकते हैं। वर्तमान में देखें तो नीतीश कुमार कहीं ना कहीं भाजपा को लेकर वह तेवर नहीं दिख रहे जो वह गठबंधन छोड़ने के बाद दिखा रहे थे। खबर यह भी है कि भाजपा की ओर से नीतीश कुमार को एनडीए का कन्वीनर बनने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि नीतीश इसे स्वीकार करते हैं या नहीं करते हैं, इस पर भी गौर करने वाली बात होगी। खबर यह भी आ रही है कि नीतीश कुमार बिहार की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी भी छोड़ सकते हैं। लेकिन यह किस परिस्थिति में होगा इस पर भी सबको इंतजार है। 

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