महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कार हादसे में 17 साल के लड़के को जमानत दिए जाने में ‘उदारवादी रवैया’ अपनाने को लेकर हैरानी जताई है। उन्होंने उस नाबालिग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिसने अपनी महंगी कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। इससे मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई थी।
फड़णवीस ने इस सिलसिले में किशोर न्याय बोर्ड द्वारा लड़के को दी गई ‘कम सजा’ की भी निंदा की। हादसे के बाद आरोपी लड़के को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया था, जहां कुछ ही घंटे बाद उसे जमानत मिल गई थी।
बोर्ड ने उसे रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) जाकर ट्रैफिक रूल्स पढ़ने और 15 दिन के भीतर उसका प्रेजेंटेशन देने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया है, ‘ सीसीएल (कानून का उल्लंघन करने वाला बच्चा) सड़क हादसे और उसका समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा।’ इस पर फडणवीस का कहना था, ‘ किशोर न्याय बोर्ड ऐसा आदेश कैसे दे सकता है।’
पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘ हमने किशो न्याया बोर्ड के आदेश के खिलाफ जिला अदालत में अपील की है। इसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। मैंने अब तक की जांच का जायजा लिया है।’ उनका कहना था, ‘नाबालिग 17 साल 8 महीने का है और निर्भया मामले के मुताबिक 16 साल से ज्यादा के किसी व्यक्ति को जघन्य अपराध के मामले में वयस्क माना जाना चाहिए।’ किशोर को पकड़ लिया गया, लेकिन घटना के 15 घंटे के भीतर उसे जमानता दे दी गई, जिससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया है।
17 साल के लड़के द्वारा चलाई जा रही पोर्शे कार ने 18 मई को शहर के कल्याणी नगर इलाके में दो आईटी प्रोफेशनल्स की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी। पुलिस के मुताबिक, मोटरसाइकल पर सवार अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्ट की मौत हो गई, जिनकी उम्र 24 साल थी। ये आईटी प्रोफेशनल थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।