मिजोरम में इस सप्ताह नई सरकार का गठन हुआ तो दूसरी तरफ मणिपुर में ताजा हिंसा से एक बार फिर देश में चिंता की लहर दौड़ गयी। मेघालय में इस सप्ताह हल्का भूकंप आया तो अरुणाचल प्रदेश में एक युवती की हत्या से सनसनी फैल गयी। त्रिपुरा में भाजपा ने लोकसभा चुनावों की दृष्टि से अपने संगठन में नई जान फूंकी तो वहीं असम के मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म पर हमला करने वालों पर जोरदार निशाना साधा। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत से कई प्रमुख समाचार रहे। आइये सब पर डालते हैं एक नजर लेकिन सबसे पहले बात करते हैं मिजोरम की।
मिजोरम
मिजोरम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता लालदुहोमा ने शुक्रवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने लालदुहोमा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जेडपीएम के 11 अन्य नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया जहां मिजो नेशनल फ्रंट के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में एमएनएफ के विधायक दल के नेता लालचंदमा राल्ते समेत सभी विधायक शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला भी इस अवसर पर मौजूद रहे। मंगलवार को जेडपीएम विधायक दल ने लालदुहोमा को अपना नेता और के. सपडांगा को उपनेता चुना था। हम आपको बता दें कि मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा है और राज्य में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो सकते हैं। जेडपीएम ने सात नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनाव में 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की है।
इसके अलावा, मिजोरम विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाली एमएनएफ ने बुधवार को अपने अध्यक्ष जोरमथांगा का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया और इस बात पर सहमति जताई की कि वह पद पर बने रहेंगे। एमएनएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तावंलुइया ने कहा कि एमएनएफ की राष्ट्रीय कोर समिति और राजनीतिक मामलों की समिति ने जोरमथांगा के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया और उनके द्वारा हार की नैतिक जिम्मेदारी लेने की सराहना की। उन्होंने कहा कि बैठक में महसूस किया गया कि चुनाव परिणाम पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है न कि अकेले अध्यक्ष की। जोरमथांगा ने 30 वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। सोमवार को विधानसभा चुनाव की गिनती होने पर पार्टी को मिली हार के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जोरमथांगा ने तावंलुइया को भेजे अपने इस्तीफे में कहा, ”एमएनएफ राज्य विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में असफल रही। मैं पार्टी प्रमुख के रूप में इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। यह मानते हुए कि एमएनएफ अध्यक्ष के रूप में यह मेरा दायित्व है, मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं और आपसे इसे स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।’’ मिजोरम विधानसभा चुनाव में एमएनएफ को 40 सदस्यीय सदन में महज 10 सीट पर जीत मिली है जबकि विपक्षी जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को 27 सीट मिली हैं।
इसके अलावा, मिजोरम में पिछले साल देश में हत्या के तीसरे सबसे कम मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस पूर्वोत्तर राज्य में 2022 में हत्या के 31 मामले दर्ज किए गए। सिक्किम में नौ और नगालैंड में 21 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार मिजोरम में हत्या के 14 ऐसे मामले दर्ज किए गए जिनके पीछे का मकसद नहीं पता चला है और छह हत्याएं विवाद के कारण की गईं। राज्य में 2020 में हत्या के 28 और 2021 में 24 मामले दर्ज किए गए थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 2022 में हत्या की कुल 28,522 प्राथमिकियां दर्ज की गयी। उत्तर प्रदेश में हत्या की सबसे अधिक 3,491 प्राथमिकियां दर्ज की गयीं। इसके बाद बिहार में 2,930 और महाराष्ट्र में 2,295 प्राथमिकियां दर्ज की गयीं।
असम
असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि भारत एक ‘‘गौ माता’’ देश है और इस बारे में कोई विवाद नहीं है। मुख्यमंत्री शर्मा ने मंगलवार को संसद में द्रमुक सांसद डी.एन.वी. सेंथिल कुमार की विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए यह कहा। द्रमुक सांसद ने सत्तारुढ़ भाजपा पर प्रहार करते हुए हिंदी भाषी राज्यों का जिक्र करने के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। इस टिप्पणी की भाजपा के साथ-साथ द्रमुक की सहयोगी कांग्रेस ने तत्काल निंदा की और सांसद ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। इसके बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया था। शर्मा ने कहा, ‘‘उनसे (कुमार से) मेरा एकमात्र अनुरोध यह है कि भविष्य में यह कहें कि यह ‘गौ माता’ देश है, न कि ‘गोमूत्र’ देश। इसमें समस्या क्या है? खुद को ‘गौ माता’ देश कहना गर्व की बात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे बेहतर क्या हो सकता है कि कोई इसे (देश को) गौ माता प्रदेश कहे? हम एक गौ माता देश हैं, इसमें कोई विवाद नहीं है… इसे ‘गोमूत्र’ प्रदेश कहना अपमानजनक है… उन्हें (कुमार को) ‘गौ माता’ प्रदेश कहना चाहिए था।’’ सेंथिल कुमार की माफी के संदर्भ में असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने (भाजपा) हालिया चुनावों में जीत हासिल की है इसलिए हमें काफी शालीन होना चाहिए। हमें भविष्य में भी जीतना है।’’ उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘हमें अगले तीन महीनों में समाज और देश के लिए काम करना है ताकि नरेन्द्र मोदी जी 350-400 लोकसभा सीटों के साथ प्रधानमंत्री बनें।’’
इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए वह मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा के साथ काम करने को उत्सुक हैं। शर्मा ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर जेडपीएम नेता को बधाई भी दी। असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने पर पु लालदुहोमा को हार्दिक बधाई।” शर्मा ने कहा, “राज्य के विकास को आगे बढ़ाने में आपके सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं और एक समृद्ध एवं सौहार्दपूर्ण पूर्वोत्तर के निर्माण के लिए आपके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।”
मणिपुर
मणिपुर से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के तेंगनौपाल जिले में सोमवार को उग्रवादियों के दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में कम से कम 13 लोग मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम को लीथू गांव भेजा गया, जहां उन्हें कम से कम 13 लोगों के शव मिले। जिस जगह यह घटना हुई वहां से म्यांमा सीमा से 15 किमी दूर है। उन्होंने बताया कि मारे गए लोग संभवत: उग्रवादी संगठन पीएलए का सदस्य थे। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि सोमवार दोपहर को गोलीबारी हुई, जिसके बाद शव मिले हैं। प्रारंभिक खबरों से पता चलता है कि ये घाटी के उग्रवादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कैडर हो सकते हैं, जिन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध हाल में बढ़ाया गया था। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि शवों के पास कोई हथियार या गोला-बारूद नहीं मिला। तेंगनौपाल जिले के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘म्यांमा जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर इलाके में दबदबा रखने वाले उग्रवादियों के एक अन्य समूह ने घात लगाकर हमला किया।’’ उन्होंने कहा कि संभवतः समूह का एक हिस्सा म्यांमा भाग गया होगा, जहां उन्हें मणिपुर वापस भेजे जाने से पहले हथियारों का प्रशिक्षण मिलता है। यह क्षेत्र शांतिपूर्ण बना हुआ है और चार मई से मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष से प्रभावित नहीं हुआ है। राज्य में अशांति में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। तेंगनौपाल जिले की सीमा म्यांमा से लगती है। गांव में कोई सड़क संपर्क नहीं है और अक्सर उग्रवादी समूहों द्वारा म्यांमा जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा, मेइती चरमपंथी समूह नेशनल रिवोल्यूशनरी फ्रंट मणिपुर (एनआरएफएम) के लगभग 25 सदस्य उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) में शामिल हो गए हैं, जिसने पिछले सप्ताह केंद्र सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस घटनाक्रम से जातीय संघर्ष से ग्रस्त मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के केंद्र सरकार के प्रयासों को गति मिलने की संभावना है। बयान में बताया गया कि यूएनएलएफ, मणिपुर की राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच 29 नवंबर को हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एनआरएफएम के सेना स्टाफ के उप-प्रमुख मेजर बोइचा के नेतृत्व में संगठन के लगभग 25 सदस्य 25 हथियारों के साथ दो दिसंबर को यूएनएलएफ में शामिल हो गए।
इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के 284 विद्यार्थियों को मणिपुर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कक्षा लेने या सिलचर में असम विश्वविद्यालय या शिलांग में पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय में स्थानांतरण लेने का विकल्प देकर उन्हें सोमवार को राहत दी। शीर्ष अदालत मणिपुर विश्वविद्यालय की ईआईएमआई वेलफेयर सोसाइटी द्वारा 284 विद्यार्थियों की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो वर्तमान में देश के अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं। वे अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं ताकि राज्य में हिंसा के कारण उनकी पढ़ाई का नुकसान न हो। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “हम उन्हें तीन विकल्प दे सकते हैं। पहला, मणिपुर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन कक्षाएं लें और दूसरा, उन्हें सिलचर में असम विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया जा सकता है और तीसरा, वे शिलांग में पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं।” पीठ ने निर्देश दिया कि मणिपुर विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त एक नोडल अधिकारी का नाम उसकी वेबसाइट पर पोस्ट किया जाए। इसने कहा कि अधिकारी को स्थानांतरण के लिए आवेदन करने के दो हफ्ते के अंदर इच्छुक विद्यार्थियों का स्थानांतरण सुनिश्चित करना होगा। शीर्ष अदालत ने विद्यार्थियों को यह भी आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को न्यायमूर्ति गीता मित्तल के नेतृत्व वाली उच्च न्यायालय की तीन पूर्व महिला न्यायाधीशों की समिति द्वारा उठाया जाएगा जिसके लिए उचित आदेश पारित किए जाएंगे। पीठ ने कहा, “इस स्तर पर हम ये तीन विकल्प दे रहे हैं और हम न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति से एक बेहतर विकल्प तलाशने के लिए कह रहे हैं। वह (न्यायमूर्ति मित्तल) एक रिपोर्ट सौंपेंगी। हम रिपोर्ट के संदर्भ में एक आदेश पारित करेंगे।” गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से 170 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
मेघालय
मेघालय से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य की राजधानी शिलांग और आसपास के इलाकों में शुक्रवार सुबह 3.8 तीव्रता का भूकंप आया। एक अधिकारी ने बताया कि जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं मिली है। शिलांग में क्षेत्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप सुबह 8:46 बजे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 मापी गई। उन्होंने बताया कि भूकंप का केंद्र शहर के दक्षिण-पश्चिम में मावफलांग इलाके में 14 किलोमीटर गहराई में था।
इसके अलावा, मेघालय की लाकाडोंग हल्दी को भौगेलिक संकेतक (जीआई) पहचान प्रदान की गयी है। राज्य की कृषि मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाकाडोंग हल्दी के साथ-साथ गारो डाकमांडा (पारंपरिक पोशाक), लारनाई मिट्टी के बर्तन और गारो चुबिची (मादक पेय) को भी जीआई पहचान प्रदान की गई है। लिंगदोह ने कहा कि जयंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र में पाई जाने वाली इस हल्दी में उच्च करक्यूमिन तत्व होता है। उन्होंने कहा कि जीआई पहचान किसानों को विपणन में मदद तथा ग्राहकों को प्रामाणिक उत्पाद तक पहुंच प्रदान करेगी। मंत्री ने कहा, ‘हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लाकाडोंग हल्दी को जीआई पहचान प्रदान की गयी है।’ उन्होंने जीआई पहचान को लेकर पहल करने वाले हितधारकों को धन्यवाद दिया। लाकाडोंग हल्दी को दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी की किस्मों में से एक माना जाता है, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा लगभग 6.8 से 7.5 प्रतिशत होती है। इसका रंग गहरा होता है और इसे जैविक रूप से उगाया जाता है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जोर देकर कहा है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों राज्यों में जनता ने कांग्रेस के ‘विभाजनकारी अभियान’ को सिरे से नकार दिया। पार्टी मुख्यालय पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘तीनों राज्यों में कांग्रेस के जोर-शोर से चलाए गए विभाजनकारी अभियान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए जनता ने सिरे से खारिज कर दिया। महिलाओं, गरीबों, किसानों और युवाओं के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयास रंग लाए।’ उन्होंने कहा, ‘तीनों राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। भाजपा के पक्ष में भारी जनादेश यह दिखाता है कि पार्टी ने न सिर्फ कल्याणी योजनाओं का खाका तैयार किया है बल्कि उन्हें लाभार्थियों तक पहुंचाना भी सुनिश्चित किया है।’ साहा ने दावा किया कि तीनों राज्यों के नतीजों से उन लोगों को स्पष्ट संदेश गया है, जिन्होंने झूठे वादे किए और राष्ट्र विरोधी ताकतों का समर्थन किया। साहा ने कहा कि लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री के सख्त कदमों को खुले दिल से स्वीकार किया है। विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत की ओर ले जाने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा की सुनियोजित चुनावी रणनीतियों की सराहना करते हुए साहा ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि 2024 आम चुनाव में त्रिपुरा की दोनों लोकसभा सीट पर उसे जीत हासिल होगी।
नगालैंड
नगालैंड से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. कालिता ने नगालैंड में सैन्य तैयारियों समीक्षा की और पूर्वोत्तर राज्य में विभिन्न सुविधाओं का भी उद्घाटन किया। सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी) ने बुधवार को दीमापुर में स्पीयर कोर मुख्यालय में सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने रंगपहाड़ मिलिट्री स्टेशन के सैन्य अस्पताल में एक कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन सुविधा की भी शुरुआत की, जिसका लाभ सैनिकों, उनके परिवारों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मिलेगा। रक्षा प्रवक्ता (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने एक विज्ञप्ति में बताया कि ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के तहत दीमापुर के विद्या भवन उच्च माध्यमिक स्कूल में भारतीय सेना द्वारा निर्मित एक ‘बास्केटबॉल कोर्ट’ का भी कालिता ने उद्घाटन किया। स्कूल के छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए, सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख ने युवा पीढ़ी के बीच खेल संस्कृति को विकसित करने तथा उसे बढ़ावा देने के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में शामिल सभी लोगों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने छात्रों को पूरी लगन के साथ खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने और खेल सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। कालिता हॉर्नबिल महोत्सव में बृहस्पतिवार को मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित रहेंगे।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि प्रदेश के वेस्ट सियांग जिले में 24 वर्षीय एक युवती अपने ‘लिव-इन पार्टनर’ के घर में मृत पाई गई। एक व्यक्ति सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे आलो पुलिस थाने पहुंचा और वहां मौजूद अधिकारियों को बताया कि उसकी प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली है। इसके बाद पुलिस का एक दल ओल्ड मार्केट इलाके में उसके घर गया और युवती का शव फर्श पर पड़ा हुआ पाया। आलो पुलिस थाने के प्रभारी दुतो बागरा ने बताया कि युवती को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी पार्टनर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। बागरा ने कहा, ‘व्यक्ति ने महिला से कई बार दरवाजा खोलने का आग्रह किया। कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने दरवाजा तोड़ दिया और युवती का शव पंखा में लगे फंदे से लटका हुआ पाया। घर में युवक के बीमार पिता के अलावा कोई नहीं था, इसलिए उसे युवती को फंदे से उतारने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।’ पुलिस ने बताया कि घर में फर्श पर खून मिला है। अधिकारी ने कहा, “फिलहाल हम किसी भी बात से इंकार नहीं कर सकते। हमें नहीं पता कि यह पूर्व नियोजित हत्या है या आत्महत्या। हम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर हमें मौत के सही कारण पता चल जाएगा।” उन्होंने बताया कि अप्राकृतिक मौत का एक मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बीच, युवती के परिवार ने आरोप लगाया कि उसके (युवती के) साथी ने अपनी पहली पत्नी के साथ मिलकर यह हत्या की है। उन्होंने दावा किया कि युवती और व्यक्ति की पहली पत्नी के बीच कुछ घरेलू मुद्दों पर लड़ाई हुई थी, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई।