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Opinion Poll 2024: UP समेत हिंदी बेल्ट के बड़े राज्यों में BJP को दमदार जीत, दक्षिण में I.N.D.I.A का दबदबा

Opinion Poll 2024: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले News18 के मेगा ओपिनियन पोल (Mega Opinion Poll) के अनुसार, BJP उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड जनादेश जीतने और कई हिंदी भाषी राज्यों में 2019 की उपलब्धि दोहराने के लिए तैयार है। ओपिनियन पोल का पहला हिस्सा 13 मार्च को जारी किया गया था। ओपिनियन पोल 13 और 14 मार्च को दो दिनों में जारी किया जा रहा है, जिसमें 21 राज्यों और 518 लोकसभा सीटों को कवर किया गया है। NDA को पहले दिन कवर की गई 242 सीटों में से 174 सीटें जीतने की उम्मीद है, जबकि विपक्षी दल के I.N.D.I.A. गठबंधन को 61 सीटें जीतने की उम्मीद है। बाकी 7 सीटें दूसरे दलों के खाते में जा सकती है।

खासतौर से पहले दिन कवर किए गए 7 हिंदी भाषी राज्यों में, 2024 में BJP का स्ट्राइक रेट 92% होने का अनुमान है, जो 2019 लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के दौरान इन सीटों पर स्ट्राइक रेट 89.4% से ज्यादा है।

ओपिनियन पोल के अनुमानों से पता चलता है कि DMK-कांग्रेस 2019 की तुलना में कम सीट हिस्सेदारी के साथ तमिलनाडु में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहेगी। केरल में भी, कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को 14 सीटें जीतने की उम्मीद है, जो 2019 की तुलना में 2 कम है।

किस राज्य में कैसा रहेगा किसका प्रदर्शन?

उतार प्रदेश

ओपिनियन पोल के अनुमानों के अनुसार, BJP के नेतृत्व वाला NDA सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में 80 में से रिकॉर्ड 77 सीटें जीतकर जीत हासिल करने के लिए तैयार है।

सर्वे में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस वाला I.N.D.I.A. गठबंधन केवल 2 सीट ही निकाल पाने में कामयाब होगा। जबकि मायावती के नेतृत्व वाली BSP के सिर्फ एक सीट जीतने की उम्मीद है। मायावती इस बार अपने दम पर अकेले चुनाव लड़े रही हैं।

इसके अलावा, अनुमानों के मुताबिक, NDA को उत्तर प्रदेश में 57% का प्रभावशाली वोट शेयर मिलने की संभावना है, जबकि SP-कांग्रेस गठबंधन को 26% वोट मिलेंगे।

अगर भविष्यवाणियां सच हुईं, तो यह यूपी में बीजेपी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन होगा। 2014 में बीजेपी ने यूपी में रिकॉर्ड 71 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने 2 सीटें जीती थीं।

2019 में, सीट शेयर में मामूली गिरावट आई थी, जिसमें बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं और अपना दल (एस) ने 2 सीटें जीती थीं।

बिहार में, बीजेपी-JDU गठबंधन को राज्य की 40 सीटों में से 38 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि RJD, कांग्रेस और अन्य दलों वाले I.N.D.I.A. ब्लॉक को सिर्फ 2 सीटें जीतने की उम्मीद है। ये बिल्कुल 2019 के नतीजों जैसा ही होगा, जब NDA ने राज्य की 40 में से 39 सीटें जीती थीं।

ओपिनियन पोल से पता चलता है कि इस साल की शुरुआत में नीतीश कुमार के NDA में दोबारा एंट्री से राज्य में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन की संभावनाओं को काफी बढ़ावा मिलेगा। पिछली बार भी बीजेपी और JDU ने गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, बाद में नीतीश NDA गठबंधन से बाहर चले गए और कांग्रेस और RJD के साथ राज्य में नई सरकार बनाई।

ओपिनियन पोल के अनुसार, वोट शेयर के मामले में, NDA गठबंधन को 58% वोट मिलने का अनुमान है, जबकि I.N.D.I.A. ब्लॉक को केवल 28% वोट ही मिलेंगे।

दक्षिणी राज्य में, DMK-कांग्रेस गठबंधन के 39 में से 30 सीटें जीतने की उम्मीद है। हालांकि, इस बार 2019 के प्रदर्शन से थोड़ी गिरावट की आशंका है। खासतौर से, ओपिनियन पोल में कहा गया है कि बीजेपी इस बार राज्य में पांच सीट निकाल सकती है।

अगर अनुमान सही साबित होते हैं, तो नतीजे बीजेपी के लिए एक अच्छा संकेत होंगे। क्योंकि भगवा पार्टी दक्षिण में अपना आधार बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। ये एक ऐसा इलाका, जहां अतीत में ज्यादातर उसका प्रदर्शन खराब ही रहा।

ओपिनियन पोल के मुताबिक, DMK-कांग्रेस गठबंधन को 51% वोट मिलने का अनुमान है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, DMK-कांग्रेस गठबंधन ने तमिलनाडु में आम चुनाव में 39 में से 38 सीट पर जीत हासिल की थी। AIDMK सिर्फ 1 सीट जीतने में कामयाब रही।

मध्य प्रदेश

ओपिनियन पोल के अनुसार, हिंदी हार्टलैंड राज्य में, BJP के 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराते हुए 29 में से 28 सीटें जीतने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस के सिर्फ 1 सीट जीतने की उम्मीद है।

2019 में भी, BJP ने राज्य में 1 सीट को छोड़कर सभी सीटें जीतीं, क्योंकि कांग्रेस छिंदवाड़ा पर कब्जा करने में कामयाब रही। ये इलाका कमलनाथ का गढ़ है और वर्तमान में सीट उनके बेटे नकुल नाथ के पास है।

ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को 55% वोट मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 38% वोट मिलने की संभावना है।

ओपिनियन पोल के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को केरल की 20 सीटों में से 14 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि सत्तारूढ़ LDF को 4 सीटें मिलने की उम्मीद है।

2019 में, UDF ने केरल में 18 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी, जबकि CM पिनारी विजयन के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सिर्फ 2 सीटें जीती थीं।

ओपिनियन पोल में अनुमान लगाया गया कि I.N.D.I.A. ब्लॉक को 47% वोट शेयर मिलेगा, जबकि LDF को 32% से ज्यादा वोट मिलेंगे।

ओपिनियन पोल ने पंजाब में दिलचस्प अनुमान पेश किए हैं, जहां बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।

2022 में सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस को राज्य की 13 में से 7 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि BJP के नेतृत्व वाले NDA को 3 सीटें मिलने की उम्मीद है। राज्य चुनाव में भारी जीत हासिल करने वाली AAP के लिए नतीजे इस बार 2019 जैसे ही रह सकते हैं, यानी सिर्फ 1 सीट पर जीत।

अकाली दल को भी 2 सीटें जीतने की उम्मीद है। अब तक, SAD ने NDA में वापसी की चर्चा के बावजूद BJP के साथ गठबंधन की घोषणा नहीं की है।

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब में 8 सीटें जीती थीं, जबकि SAD-BJP गठबंधन को 4 सीटें मिली थीं।

दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल में BJP को क्लीन स्वीप

ओपिनिय में अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में BJP एक बार फिर क्लीन स्वीप के लिए तैयार है।

ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी हरियाणा में सभी 10 सीटें, दिल्ली में 7 सीटें और हिमाचल प्रदेश में 4 सीटें जीतने जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने तीन उत्तरी राज्यों में जीत हासिल की थी।

2014 में बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 और हिमाचल प्रदेश की 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, हरियाणा में उसे 7 सीटों पर जीत मिली थी।

ओपिनियन पोल में खास बात ये रही कि BJP को हिमाचल प्रदेश में 67% का प्रभावशाली वोट शेयर हासिल करने का आनुमान जताया गया।

हाल के राज्यसभा चुनावों में अपने विधायकों की तरफ से क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले से ही खतरे में है।

मध्य प्रदेश की 29 सीटों के लिए, 6,090 प्रतिक्रियाओं के सैंपल साइज की योजना बनाई गई थी। हालांकि, 7,014 हासिल हुए थे। पिछले साल विधानसभा चुनावों से ताजा, मध्य प्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य लोकसभा चुनावों से पहले कमोबेश सुलझ गया है।

उस चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली BJP ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को हराया। अगर 2019 के नतीजों को भी ध्यान में रखा जाए, तो भगवा पार्टी के लिए बहुत कुछ नहीं बदलेगा।

हिंदी बेल्ट में 2020 के राजनीतिक संकट के बावजूद, राज्य के पिछले चुनावी रुझानों में दो प्रमुख दलों – BJP और कांग्रेस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा दिखाई दे रही है। इस बार विपक्षी दल I.N.D.I.A. गुट में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस भी शामिल हो गई है।

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