बिहार में नई सरकार बहाल हो गई है। इसी के साथ बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के साथ ही राजनीति भी तेज हो गई है। नीतीश कुमार हर बार अलग मुद्दों पर गठबंधन से अलग होते रहे है और बार बार सत्ता में काबिज होते रहे है। कभी लालू यादव का तो कभी एनडीए का ही साथ छोड़ने में समय के अनुरुप नीतीश कुमार काफी तेज है। गठबंधन में रहते हुए और बार बार इसे तोड़कर वो किसी ना किसी रूप में सत्ता में काबिज रहते है।
वहीं फिर से नीतीश कुमार द्वारा यूटर्न लिए जाने पर उनके साथी खेमे के नेता जो अब विपक्षी बन चुके हैं, वो काफी नाराज है। विपक्षी दलों के नेताओं ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इसका अंदेश पहले ही था। देश में ऐसे कई लोग हैं जो ‘‘आया राम गया राम हैं।’’ खरगे ने कहा कि उन्हें पांच दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जद (यू) के महागठबंधन से बाहर निकलने की योजना के बारे में जानकारी दी थी और तमाम प्रयास किए गए लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी अलग हो गई। खरगे ने कहा, ‘‘राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने पांच दिन पहले इसके संकेत दिए थे और मैंने उनसे स्थिति के बारे में विस्तार से बातचीत की थी कि संख्या क्या है, उनकी संख्या कितनी है और क्या करना है। यादव ने मुझे कहा कि अगर वे (जद यू) जा रहे हैं तो उन्हें जाने दीजिए….।’’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश उनकी तुलना ‘‘गिरगिट’’ से की और कहा कि राज्य के लोग इस ‘‘विश्वासघात’’ के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए यह ‘‘राजनीतिक नाटक’’ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ‘‘विश्वासघात विशेषज्ञ’’ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को माफ नहीं करेगी।
तृणमूल कांग्रेस ने की निंदा
तृणमूल कांग्रेस ने नीतीश कुमार के पद से इस्तीफा देने और पाला बदलने पर उनकी निंदा की है। टीएमसी ने कहा कि नीतीश की इस अवसरवादिता का जवाब जनता देगी। तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार नियमित अंतराल पर अपना राजनीतिक पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) को छोड़ने का फैसला किया और उनके राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल होने की संभावना है। जनता इस तरह के राजनीतिक अवसरवाद का करारा जवाब देगी।’’
नीतीश कुमार के इस्तीफे पर सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। हमारे नेता अखिलेश जी मुलायम सिंह यादव के दिखाए रास्ते पर चले हैं, उन्होंने भाजपा को सत्ता हासिल करने से रोकने के लिए सब कुछ किया।’’ कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भाजपा और मीडिया का एक बड़ा वर्ग यह दिखाना चाहता है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन टूटा हुआ और कमजोर है। उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि बिहार में जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूत होता जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम आए, बिहार में पलटूराम। उन्होंने नीतीश कुमार को मानसिक रूप से अस्थिर बता दिया है। इंडिया ब्लॉक की स्थिति उत्तम है। ममता भी अब तक बाहर नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी भी अलग नहीं हुई है। नीतीश को हम लंबे समय से जानते है। वो बीमार भी है, उनके कुछ व्यक्तिगत कारण हो सकते है।
शशि थरूर ने भी साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बिहार में महागठबंधन से नाता तोड़ने को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार पर रविवार को कटाक्ष करते हुए उन्हें एक ‘‘धूर्त और सिद्धांतहीन राजनीतिक नेता’’ करार दिया। थरूर ने 2017 का अपना सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया, जब कुमार बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की साझेदारी वाले ‘महागठबंधन’ से अलग हो गए थे और लंबे समय तक तकरार रहने के बावजूद फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया था।