नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) ट्रांजैक्शंस ने 29 फरवरी 2024 को रिकॉर्ड बना दिया। रिजर्व बैंक ने बताया कि 29 फरवरी 2024 को NEFT के कुल 4.10 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इसके अलावा, पिछले 10 साल यानी 2014-2023 के दौरान NEFT और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम में वॉल्यूम के हिसाब से क्रमशः 700 पर्सेंट और 200 पर्सेंट की ग्रोथ हुई, जबकि वैल्यू के हिसाब से यह ग्रोथ क्रमशः 670 पर्सेंट और 104 पर्सेंट रही।
रिजर्व बैंक रिटेल और होलसेल पेमेंट को मैनेज करने के लिए NEFT और RTGS का प्रबंधन कर रहा है। 16 दिसंबर 2019 को NEFT सिस्टम की सुविधा 24 घंटे चालू रहने का ऐलान किया था, जबकि 14 दिसंबर 2020 को RTGS सिस्टम के लिए यह सुविधा लागू करने की घोषणा की गई थी।
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न तरीकों में से एक है। इसका रेगुलेशन रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किया जाता है। NEFT की शुरुआत 2005 में की गई थी। NEFT बैच प्रोसेसिंग सिस्टम पर आधारित है।
NEFT ने लेन-देन के साथ आसानी और दक्षता के कारण लोकप्रियता हासिल की है। NEFT का इस्तेमाल करके ट्रांसफर किए जा सकने वाले फंड की कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है। पेमेंट लेनदेन के लिए मौजूदा समय में चल रहे RTGS, NEFT और UPI जैसे मौजूदा पेमेंट सिस्टम को बड़े पैमाने पर पेमेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये पेमेंट सिस्टम एडवांस्ड आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करते हैं।