टाटा स्टील के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अतिरिक्त डेट सिक्योरिटीज जारी कर फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने 29 मई को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि उसकी योजना नॉन-कन्वर्बिटल डिबेंचर (NCDs) जारी कर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की है। ये डिबेंचर एक या ज्यादा किस्तों में प्राइवेट प्लेसमेंट आधार पर जारी किए जाएंगे। टाटा स्टील के मुताबिक, स्टील कंपनी के फाइनेंसिंग प्लान की समीक्षा के बाद यह फैसला किया गया। 31 मार्च, 2024 के मुताबिक, कंपनी का कुल कर्ज 77,550 करोड़ रुपये था।
कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘हमारी ग्रुप लिक्विडिटी 31,767 करोड़ के मजबूत स्तर पर मौजूद है, जिसमें 9,532 करोड़ रुपये का कैश और इसके समकक्ष एसेट शामिल हैं।’ मार्च 2024 तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 64 पर्सेंट की गिरावट के साथ 611.48 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के मुनाफे में गिरावट की वजह स्टील से रेवेन्यू में कमी और कंपनी के इंटरनेशनल ऑपरेशंस की खराब परफॉर्मेंस रही।
संबंधित अवधि में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 6.7 पर्सेंट की गिरावट के साथ 58,687.3 करोड़ रुपये रहा। तिमाही आधार पर बात करें, तो कंपनी का कंसॉलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू 6 पर्सेंट बढ़कर 55,311.88 करोड़ रुपये रहा, जबकि नेट प्रॉफिट में पिछली तिमाही के मुकाबले 19 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही।
इस बीच, बोर्ड ने कंपनी की सब्सिडियरी टी स्टील होल्डिंग्स (TSHP) सिंगापुर में 2.11 अरब डॉलर (17,407.50 करोड़ रुपये) फंड के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस फंड का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान और टाटा स्टील यूके की रीस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट को पूरा करने में किया जाएगा।