पटोले ने कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान से विचार-विमर्श के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। हमने उन सीट को पाने की पूरी कोशिश की जहां हमारे जीतने की अच्छी संभावनाएं थीं। लेकिन बातचीत को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जा सकता क्योंकि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’’
मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने ‘आत्मसमर्पण’ नहीं किया है बल्कि महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे की बातचीत में एक कदम पीछे खींचा है क्योंकि यह प्रक्रिया अनंतकाल तक नहीं चल सकती। पटोले का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस द्वारा सांगली और भिवंडी जैसी सीट छोड़ने पर राज्य इकाई में स्पष्ट असंतोष है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कदम पीछे खींचा है, हमने आत्मसमर्पण नहीं किया है।’’
पटोले ने कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान से विचार-विमर्श के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। हमने उन सीट को पाने की पूरी कोशिश की जहां हमारे जीतने की अच्छी संभावनाएं थीं। लेकिन बातचीत को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जा सकता क्योंकि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’’ कांग्रेस की सांगली इकाई ने भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए बुधवार को बैठक बुलाई है। इस बारे में पटोले ने कहा कि यह बैठक उनकी अनुमति से की जा रही है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक मुंबई में पार्टी का स्थानीय नेतृत्व भी महानगर की छह लोकसभा सीट में से कम से तीन सीट पाने में असफल होने पर खफा है।
सीट समझौते के तहत मुंबई महानगर की छह लोकसभा सीट में से दो पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी जबकि शेष चार पर शिवसेना (यूबीटी) अपने प्रत्याशी उतारेगी। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव के.सी.वेणुगोपाल को पत्र लिखकर शिकायत की है कि राज्य नेतृत्व ने मुंबई में पार्टी के हितों का बलिदान दिया है। इससे पहले मंगलवार को एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट के लिए समझौते की घोषणा की जिसके मुताबिक 21 सीट पर शिवसेना लड़ेगी जबकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) क्रमश: 17 और 10 सीट पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
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