Mumbai Tech Week: भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले कारोबारों की वृद्धि रुकी हुई है क्योंकि वेंचर कैपिटलिस्ट, महिला उद्यमियों को सपोर्ट करने से डरते हैं। यह बात भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मुंबई टेक वीक में कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वही निवेशक पुरुष उद्यमियों के मामले में जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और उनकी असफलता को भी आसानी से स्वीकार कर लेते हैं।
ईरानी ने कहा, ‘अड़चन वे लोग हैं, जो वित्तीय संस्थानों में वीसी के रूप में बैठे हैं, जो महिलाओं के असफल होने का जोखिम नहीं लेना चाहते और पुरुषों के असफल होने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, फिर भले ही पुरुषों के असफल होने का अनुपात अधिक हो।’
‘वे स्टार्टअप भी दिक्कत, जो सिर्फ नाम के लिए महिला को चुनते हैं’
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रिपोर्ट बताती हैं कि भारत में लगभग 30000 एक्टिव डिजिटल स्टार्टअप में से केवल 18 प्रतिशत की फाउंडर या को-फाउंडर महिला हैं।ईरानी ने कहा कि समस्या वे वीसी हैं, जो टेक्नोलॉजी और लीडरशिप पोजिशंस पर महिलाओं को फंड नहीं देते हैं। साथ ही वे स्टार्टअप भी दिक्कत हैं, जो सिर्फ नाम के लिए एक महिला को चुनते हैं और कंपनी का वित्तीय नियंत्रण महिला के हाथ में नहीं देते हैं।’
हायर एजुकेशन यूनिकॉर्न एरुडिटस के को-फाउंडर ओर सीईओ अश्विन दामेरा से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आम धारणा के विपरीत, टेक्नोलॉजी में महिलाओं के नेतृत्व वाले कारोबारों के लिए एकमात्र बाधा उनके लिए वेंचर कैपिटल-लेड फंडिंग की कमी है। प्रतिभा, रिजीलिएंस, इनोवेशन और विचार, बाधाएं नहीं हैं।