प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री एवं कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 14 मई को तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी ने पिछले सप्ताह आलम के निजी सचिव संजीव लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) को उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था।
बयान होगा दर्ज
सूत्रों ने बताया कि 70 वर्षीय आलम को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। मनी लॉन्डिंग मामले की जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से संबंधित है।
समय की मांग
वहीं, घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र पाकुड़ में संवाददाताओं से कहा कि यदि वह उन दस्तावेजों को एकत्र करने में सक्षम हुए, जो उन्हें एजेंसी को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, तो वह ईडी के सामने पेश हो सकते हैं और यदि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं हुए, तो वह ईडी से और समय देने की मांग करेंगे।
छवि खराब करने का आरोप
उन्होंने कहा कि लोग उन्हें 25-30 साल से जानते हैं और उनकी छवि किसी भ्रष्ट व्यक्ति की नहीं है। आलमगीर आलम ने दावा किया कि उनकी छवि को खराब करने के लिए उन पर ये आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में ईडी ने लगभग 36.75 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है, क्योंकि एजेंसी ने पिछले मंगलवार को एक ठेकेदार के परिसर से 1.5 करोड़ रुपये के अलावा लाल के ठिकाने से 10.05 लाख रुपये सहित अन्य स्थानों से लगभग तीन करोड़ रुपये जब्त किए थे।
मनी लॉन्ड्रिंग मामला
सितंबर 2020 का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राज्य ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज मामले और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में दर्ज की गई FIR पर आधारित है।
ईडी ने राम को पिछले साल गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया है कि राम निविदा आवंटन समेत अन्य संबंधित कार्यों के लिए कमीशन इकट्ठा करते थे और 1.5 प्रतिशत का यह कमीशन उनके वरिष्ठों और राजनेताओं के बीच वितरित किया जाता था। ईडी ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि राम ने सितंबर 2022 में लाल को ‘कमीशन’ की रकम सौंपी थी।