Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अर्धसैनिक बलों (paramilitary forces) की तैनाती शुरू हो गई है। मार्च के पहले हफ्ते में BSF की कम से कम 430 कंपनियां, CISF की 155 और CRPF की 500 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनकी शुरुआती तैनाती 1 से 7 मार्च के बीच होनी हैं। भारत चुनाव आयोग ने इस साल चुनाव कराने के लिए 3,40,000 अर्धसैनिक बलों की मांग की है। अधिकारियों ने कहा कि सैनिकों का इस्तेमाल आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनावों के लिए भी किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में भी एक साथ चुनाव होंगे या नहीं, इसकी घोषणा होना अभी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया है।
2019 में कई चरण में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) कराने के लिए तीन लाख अर्धसैनिक बल और 20 लाख राज्य पुलिस बल तैनात किए गए थे। इसमें CRPF की 1,387 कंपनियां, BSF की 550, CISF की 208, SSB की 244, ITBP की 210, RPF की 79 और बाकी फोर्स की 448 कंपनियां शामिल थीं।
जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल में हो सकती है ज्यादा तैनाती
गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच एक अधिकारिक कम्यूनिकेशन के अनुसार, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रीय बलों की ज्यादा तैनाती की मांग की गई है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के लिए 920 और जम्मू-कश्मीर के लिए 635 अर्धसैनिक कंपनियों का अनुरोध किया है। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में कम से कम 360 कंपनियों की तैनाती हो सकती है।
किस राज्य के लिए चुनाव आयोग ने मांगी कितनी कंपनी-
– बिहार के लिए 295 कंपनियां
– उत्तर प्रदेश के लिए 252 कंपनियां
– आंध्र प्रदेश, पंजाब और झारखंड में 250-250 कंपनियां
– गुजरात, मणिपुर, राजस्थान और तमिलनाडु में 200-200 कंपनियां
– ओडिशा के लिए 175 कंपनियां
– असम और तेलंगाना में 160-160 कंपनियां
– महाराष्ट्र के लिए 150 कंपनी की मांग
– मध्य प्रदेश के लिए 113 कंपनियां मांगी
– त्रिपुरा के लिए 100 कंपनियां
– हरियाणा के लिए 95 कंपनियां
– अरुणाचल प्रदेश में 75 कंपनियां
– कर्नाटक, उत्तराखंड और दिल्ली में 70-70 कंपनियां
– केरल में 66 कंपनियां
– लद्दाख में 57 कंपनी
– हिमाचल प्रदेश में 55 कंपनी
– नागालैंड में 48 कंपनी
– मेघालय में 45 कंपनी
– सिक्किम में 17 कंपनी
– मिजोरम में 15 कंपनियां
– दादरा और नगर हवेली में 14 कंपनी
– गोवा में 12 कंपनी
– चंडीगढ़ में 11 कंपनियां
– पुडुचेरी में 10 कंपनियां
– अंडमान और निकोबार में पांच कंपनियां
– लक्षद्वीप में तीन कंपनियां
मतदान के दिन मतदान केंद्रों की सुरक्षा के अलावा, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे राज्यों और जम्मू-कश्मीर जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्र प्रभुत्व के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा। जल्दी तैनाती होने से फोर्स को विश्वास-निर्माण उपायों, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और स्ट्रांगरूम केंद्रों की सुरक्षा के लिए इलाके से परिचित होने में भी मदद मिलेगी। मतदान खत्म होने के बाद मतगणना केंद्रों की सुरक्षा करना भी इन फोर्स की जिम्मेदारी होगी।