बिहार की पाटलिपुत्र सीट काफी चर्चित रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे रामकृपाल यादव यहां भाजपा से सांसद हैं। आपको बता दें कि साल 2008 में परीसीमन के बाद पटना लोकसभा सीट को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। इसमें एक सीट पटना साहिब और दूसरी पाटलिपुत्र है। साल 2009 के लोकसभा चुनाव से ही पाटलिपुत्र सीट पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का कब्जा है। आइए जानते हैं क्या है पाटलिपुत्र सीट का सियासी समीकरण।
क्या रहा है पुराने चुनाव का हाल?
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर बीते 3 चुनावों में हर बार एनडीए को जीत मिली है। साल 2009 में जदयू के प्रत्याशी रंजन प्रसाद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 23, 541 वोटों से हराया था। साल 2014 में भाजपा के रामकृपाल यादव ने राजद की मीसा भारती को 40, 322 वोटों से हराया था। वहीं, साल 2019 में एक बार फिर से भाजपा के रामकृपाल यादव ने राजद की मीसा भारती को 39, 321 वोटों से हराया था। क्षेत्र में करीब 56 फीसदी वोटिंग हुई थी।
क्या है पाटलिपुत्र का सियासी समीकरण?
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख से भी ज्यादा वोटर्स हैं। इस सीट के अंतर्गत पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र खासकर पश्चिमी इलाके आते हैं। पाटलिपुत्र में यादव, भूमिहार और कुर्मी जाति की अच्छी खासी जनसंख्या है। यही वोटर्स जीत हार का अंतर तय करते हैं। जदयू और भाजपा बिहार एक बार फिर से बिहार में एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पाटलिपुत्र सीट पर भाजपा का ही प्रत्याशी होगा।
साल 2019 में कब हुए थे चुनाव?
चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। चुनाव आयोग द्वारा 7 चरणों में 2019 के चुनाव कराए जाने की घोषणा की गई थी। ये चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चले थे। वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। वहीं, साल 2014 में 7 अप्रैल से 12 मई तक चुनाव हुए थे। 16 मई को नतीजे जारी किए गए थे।