लोकसभा चुनाव के छठे चरण में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में शनिवार को होने वाले मतदान में 26,000 से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडितों को वोट डालने की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए देशभर में 34 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अनंतनाग सीट पर चुनाव के साथ ही इस केंद्र शासित प्रदेश में मतदान खत्म हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर की बाकी चार सीट पर मतदान पहले ही पूरा हो चुका है। परिसीमन के बाद अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत दक्षिण कश्मीर का पीर पंजाल क्षेत्र आता है। इतना ही नहीं, इस निर्वाचन क्षेत्र में अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, राजौरी और पुंछ जिला आता है।
राहत और पुनर्वास आयुक्त डॉ. अरविंद करवाणी न्यूज एजेंसी PTI को बताया, “26,000 से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी मतदाता शनिवार को जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में बनाए गए विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे। कल होने वाले मतदान को निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं।”
डॉ. करवाणी ने चुनाव अधिकारियों के साथ जम्मू में कुल 29, उधमपुर में एक और दिल्ली में चार मतदान केंद्रों पर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
सहायक निर्वाचन अधिकारी डॉ. रियाज अहमद ने कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं से चुनाव में हिस्सा लेने का आग्रह किया।
अहमद ने कहा, ”पानी और छाया के लिए सभी जरूरी सुविधाओं का इंतजाम कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक मतदाताओं को लाने-ले जाने की सुविधा भी की है, खासकर उन इलाकों में जहां ज्यादा संख्या में प्रवासी रहते हैं।”
अनंतनाग लोकसभा में 9.02 लाख महिलाओं समेत लगभग 18.36 लाख मतदाता 2,338 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे।
इस सीट पर 20 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें मुख्य मुकाबला पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और प्रमुख गुर्जर नेता व नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता मियां अल्ताफ अहमद के बीच है।
BJP के समर्थन वाली ‘अपनी पार्टी’ के प्रत्याशी जफर इकबाल मनहास इस सीट पर मुफ्ती और अहमद को चुनौती दे रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) ने इस सीट से मोहम्मद सलीम पर्रे को मैदान में उतारा है।