दिल्ली की एक अदालत ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले (Land for Job Scam) से जुड़े धनशोधन मामले में शनिवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और उनकी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) और हेमा यादव समेत अन्य को तलब किया। अदालत ने रेलवे में ‘नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े धनशोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद इन्हें तलब किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल ने आरोपियों को नौ फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश देते हुए कहा कि मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं। न्यायाधीश ने बिजनेसमैन अमित कात्याल के खिलाफ भी पेशी वारंट जारी किया, जो फिलहाल मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
RJD प्रमुख लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) के परिवार के एक कथित ‘करीबी सहयोगी’ 49 साल के कात्याल, रेलवे कर्मचारी और कथित लाभार्थी हृदयानंद चौधरी, दो फर्म ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ को उनके ज्वाइंट डायरेक्टर शारिकुल बारी के जरिए भी आरोप पत्र में नामजद किया गया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी, एके. इंफोसिस्टम्स ने 11 भूमि पार्सल खरीदे और भले ही संपत्ति का बुक वैल्यू ₹1.89 करोड़ था, पूरी कंपनी ₹1 लाख में लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दी गई।
इस मामले में कात्याल को पिछले साल नवंबर में ED ने गिरफ्तार किया था और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को एजेंसी ने तलब किया था, लेकिन वह अब तक पेश नहीं हुए हैं।
RJD प्रमुख के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) एक बार एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं। उन्हें दोबारा इसके सामने पेश होने को कहा गया है। ऐसी संभावना है कि एजेंसी मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
यह कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे।
अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे के पश्चिम जोन में ‘ग्रुप-डी’ के पदों पर नियुक्ति से जुड़ा है और आरोप है कि नौकरी के बदले RJD प्रमुख के परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नाम पर जमीन ली गई थी।