कई विदेशी प्राइवेट इक्विटी फर्मों ने भारत सीरम एंड वैक्सींस में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई हैं। इनमें केकेआर, ईक्यूटी, ब्लैकस्टोन, बेन कैपिटल, कार्लाइल, पार्टनर्स ग्रुप और प्रेमिरा शामिल हैं। इनके अलावा फार्मा कंपनी मैनकाइंड फार्मा भी इसमें हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। भारत सीरम एंड वैक्सींस का मालिकाना हक एडवेंट इंटरनेशनल के पास है, जो एक बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। भारत सीरम्स की शुरुआत 1971 में हुई थी। यह बायोलॉजिकल, बायोटेक और फार्मास्युटिकल्स फॉर्मुलेशंस का डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग करती है।
कंपनी के पास प्लाज्मा डेरिवेटिव्स, मोनोकलोनल, फर्टिलिटी हॉरमोंस, एंटीटोक्सिनंस, एंटीफंगल्स, एनेस्थेटिक्स, कार्डियोवैस्कुलर ड्रग जैसे प्रोडक्ट्स हैं। यह कंपनी महिलाओं की हेल्थ, रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी और क्रिटिकल केयर पर फोकस करती है। इसका मुख्यालय मुंबई है। एक बड़ी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी अंबरनाथ में है। एक छोटी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी थाणे में है। हैदराबाद में इसका हॉर्स फॉर्म है। नवी मुंबई में एक रिसर्च डेवलपमेंट यूनिट है। अमेरिका, जर्मनी, फिलीपींस और इंडिया में चार सब्सिडियरीज हैं।
Advent ने भारत सीरम्स में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। उसने यह हिस्सेदारी Orbimed Asia, Kotak PE और प्रमोटर फैमिली Daftary Family से खरीदी थी। यह डील नवंबर 2029 में 50 करोड़ डॉलर में हुई थी। बाद में एडवेंट ने बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी भी दफ्तरी फैमिली से खरीद ली थी। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, “कई पीई फंडों ने भारत सीरम को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। नॉन-बाइंडिंग बिड्स के इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है।”
सूत्र ने कहा कि भारत सीरम में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनी की वैल्यूएशन 1.5 अरब डॉलर या इससे ज्यादा हो सकती है। इनवेस्टमेंट बैंक जेफरीज और जेपी मॉर्गन इस डील के बारे में एडवेंट को सलाह दे रहे हैं। इस बारे में पूछने पर एडवेंट ने कुछ बताने से इनका कर दिया। KKR, Blackston, Permira, EQT और मैनकाइंड फार्मा ने भी कुछ नहीं बताया। कार्लाइल, पार्टनर्स ग्रुप और बेन कैपिटल गो भेजे ईमेल का भी जवाब नहीं आया।