तिरुवनंतपुरम: केरल के विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश के बीच मौसम विभाग ने रविवार को राज्य के एर्णाकुलम जिले में ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया। यहां पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। ‘ऑरेंज’ अलर्ट का मतलब है 11 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर तक की भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने आने वाले घंटों में जिले के अलग-अलग स्थानों पर ‘बहुत भारी बारिश’ होने का अनुमान जताया है।
इन जिलों के लिए येलो अलर्ट
मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पतानमथिट्टा, अलप्पुझा, इडुकी और वायनाड जिलों के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है। ‘येलो’ अलर्ट का मतलब है छह सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश होना। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों को पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के संभावित खतरों के प्रति आगाह किया है और उनसे आग्रह किया है कि यदि आवश्यक हो तो वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इसमें कहा गया है कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को, जहां अक्सर जलभराव होता है, बारिश की स्थिति का आकलन करने के बाद राहत शिविरों में चले जाना चाहिए। प्राधिकरण ने बताया तेज हवाओं की संभावना के कारण, जर्जर घरों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। उसने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में रात में यात्रा करने से पूरी तरह बचना चाहिए।
मानसून ने दी समय से पहले दी दस्तक
बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने बृहस्पतिवार को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में समय से पहले दस्तक दे दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी पहुंचने का एक कारण हो सकता है। मौसम विभाग ने 15 मई को 31 मई तक केरल में मानसून के आगमन की घोषणा की थी। केरल और पूर्वोत्तर में मानसून का एक साथ आगमन बहुत कम देखने को मिला है और इससे पहले चार बार 2017, 1997, 1995 और 1991 में ऐसा हुआ है।
मई में सामान्य से अधिक बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में प्रवेश कर चुका है दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा, मेघालय और असम के कुछ हिस्सों समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकांश भागों में दस्तक दे दी है। साल 1971 और 2024 के बीच, केरल में मानसून का सबसे पहले आगमन 1990 में हुआ था और उस साल 18 मई को राज्य में मानसून की शुरुआत हुई थी। केरल में मानसून का आगमन 1999 में 22 मई को, तथा 1974 और 2009 में 23 मई को हुआ था। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि एक जून है, तथा अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की तिथि पांच जून है। आईएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब राज्य और पड़ोसी क्षेत्रों के 14 से अधिक केंद्रों पर 10 मई के बाद किसी भी समय लगातार दो दिनों तक 2.5 मिली मीटर या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है, और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी होती है। (इनपुट-भाषा)