उद्योग/व्यापार

Jet Airways मामले में बड़ा अपडेट, जेकेसी ने NCLAT से वापस ली याचिका

बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज के लिए सफल बोलीदाता Jalan Kalrock Consortium (जेकेसी) ने एनसीएलएटी के समक्ष दायर अपनी अर्जी मंगलवार को वापस ले ली। इस याचिका में जेकेसी ने ऋणदाताओं को भुगतान किए गए 200 करोड़ रुपये एक एस्क्रो खाते में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

अपील वापस ले ली।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की तरफ से जेकेसी को कोई राहत देने से इनकार करने के बाद यह याचिका वापस ली गई। अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मामला पहले से ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इसके बाद मुरारी लाल जालान और फ्लोरियन फ्रिट्च के गठजोड़ ने अपनी अपील वापस ले ली।

200 करोड़ रुपये

जेकेसी ने अपनी याचिका में कहा था कि जेट एयरवेज के शेयर उसे जारी नहीं होने तक ऋणदाताओं को जमा किए गए 200 करोड़ रुपये एक ब्याज-युक्त एस्क्रो खाते में स्थानांतरित की जाए। भारी कर्ज संकट में फंसने के बाद जेट एयरवेज ने अप्रैल, 2019 में अपना परिचालन बंद कर दिया था। इसके बाद चली दिवालिया समाधान प्रक्रिया के तहत जेकेसी गठजोड़ विजेता बोलीदाता बनकर उभरा था।

लटका हुआ है मामला

हालांकि, एयरलाइन के ऋणदाताओं और गठजोड़ के बीच जारी मतभेदों की वजह से इसके स्वामित्व ट्रांसफर का मामला अभी तक लटका हुआ है। इस साल की शुरुआत में 12 मार्च को, एनसीएलएटी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी थी।

शेयर ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था लेकिन जेकेसी ने केवल 200 करोड़ रुपये नकद का ही भुगतान किया था।

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