ITR Forms: अगर आप टैक्सपेयर्स हैं और आपको विभिन्न तरह के छूट वाली पुरानी टैक्स रिजीम पंसद है, तो आपको इस बार टैक्स भरते समय खास ध्यान रखना होगा। टैक्सपेयर्स को यह स्पष्ट करना होगा कि वे वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए नई, न्यूनतम छूट वाली टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं। दरअसल फाइनेंस एक्ट 2023 के लागू होने के बाद नए टैक्स सिस्टम को डिफॉल्ट रिजीम बना दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आपको कोई टैक्स सिस्टम नहीं चुनते हैं, तो आपकी टैक्स कैलकुलेशन बतौर डिफॉल्ट नई टैक्स रिजीम के तहत होगी। इसीलिए पुराने टैक्स सिस्टम को ध्यान से चुनना जरूरी हो जाता है।
टैक्स और कंसल्टिंग फर्म, AKM ग्लोबल के टैक्स मार्केट हेड यीशू सहगल ने कहा, “नए आईटीआर-1 फॉर्म में टैक्स सिस्टम चुनने की जरूरत को शामिल किया गया है। वहीं अगर आप आईटीआर-4 फॉर्म भरते हैं तो आपको नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए फॉर्म 10-IEA भरना होगा।”
‘क्या आप नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए धारा 115BAC (6) के तहत विकल्प का उपयोग करना चाहते हैं?’ नए आईटीआर फॉर्म में अगर आपने इस सवाल का जवाव “नहीं” में दिया, तो फिर आप नए टैक्स सिस्टम की दरें और शर्तें लागू हो जाएंगी।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) को जारी किया। नए फॉर्म में न्यू टैक्स रिजीम से जुड़े सवाल को संशोधित किया गया है। पिछले साल तक फॉर्म में टैक्सपेयर्स को यह बताना होता था कि क्या वे नई व्यवस्था का विकल्प चुनना चाहते हैं।
समय से काफी पहले जारी किए गए ITR फॉर्म
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए इस बार ITR फॉर्म को काफी पहले ही नोटिफाई कर दिया है। यह दोनों फॉर्म सैलरी वाले व्यक्तियों, बिजनेसों और प्रोफेशनल पर लागू होते हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक, नए फॉर्म 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।
फार्म को वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही जारी करने से टैक्सपेयर्स और कंसल्टेंट को यह समझने और तैयार करने में मदद मिलेगी, कि उन्हें वित्त वर्ष 2023-24 के आईटीआर फाइलिंग विंडो खुलने के बाद किन चीजों की जरूरत होगी।
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म टैक्सबीरबल के डायरेक्टर और फाउंडर चेतन चांडक ने कहा, “आईटीआर फॉर्म जल्दी जारी करने से टैक्सपेयर्स को वित्त वर्ष की समाप्ति पर तुरंत रिटर्न फाइल करने में मदद मिल सकती है।” आईटीआर-1 या आईटीआर-4 फार्म का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न दाखिल करने की तारीख आम तौर पर 31 जुलाई है।
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म, टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के पार्टनर, विवेक जालान ने कहा, “कुछ साल पहले तक ये फॉर्म अप्रैल/मई में जारी किए जाते थे और आयकर पोर्टल पर फॉर्म भरने के लिए यूटिलिटी (सॉफ्टवेयर जो फॉर्म भरने में मदद करता है) जून में जारी किया जाता था और उसके बाद अगर कोई बदलाव होता था तो करदाताओं को अंतिम समय में भागना पड़ता था।”