ITC Share Price: क्या आईटीसी के शेयरों में कुछ गिरावट आने वाली है? यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि आईटीसी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर, ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (British American Tobacco) इसमें अपनी हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है। ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) के पास आईटीसी की करीब 29.02 फीसदी हिस्सेदारी है। मौजूदा बाजार भाव पर इस हिस्सेदारी की कीमत करीब 1 लाख 63 हजार करोड़ रुपये है। इतने बड़े शेयरहोल्डर की ओर से हिस्सेदारी घटाने की खबर से आज 18 दिसंबर को आईटीसी के शेयर दबाव में रहे और करीब 1.5% गिरकर बंद हुए।
आईटीसी में क्यों हिस्सेदारी बेच रही BAT?
कंपनी के सीईओ टैदेउ मैरोको ने बताया, “हमें आईटीसी में अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी की जरूरत नहीं है। 25 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कंपनी के पास बोर्ड में वीटो पावर बना रहेगा, जिससे उसका इंफ्लूएंस बरकरार रहेगा। ऐसे में वह अतिरिक्त हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है।” तो इस हिसाब से BAT के पास आईटीसी में अभी 29% हिस्सेदारी है। अगर वह 25% हिस्सेदारी रखने के मूड में है, तो इसका मतलब है वह करीब 4% हिस्सेदारी बेच सकती है। मौजूदा बाजार भाव पर इस 4 फीसदी हिस्सेदारी की वैल्यू भी करीब 22,500 करोड़ रुपये है।
BAT को हिस्सेदारी बेचने का एक फायदा यह है कि वह इसे पैसे अपना कुछ कर्ज कम लेगी। दूसरा फायदा यह है कि तंबाकू कंपनी में विदेशी हिस्सेदारी को लेकर भारत में नियम काफी सख्त है, तो हिस्सेदारी घटने से उसे इन नियमों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी।
ITC के स्टॉक पर क्या असर पड़ेगा
Bonanza Portfolio के रिसर्च एनालिस्ट ओमकार कामटेकर ने कहा कि इस खबर से शॉर्ट-टर्म में मामूली गिरावट देखने को मिल सकता है। जियोजित फाइनेंशियल के सीनियर वीपी, गौरांग शाह भी कामेटकर की बात से सहमत दिखे। उन्होंने भी शार्ट-टर्म में आईटीसी के स्टॉक में गिरावट की आशंका जताई है। हालांकि उन्होंने साथ में यह भी कहा कि लॉन्ग-टर्म के निवेशकों को घबराने की बात नहीं है क्योंकि इस प्रस्ताविक हिस्सेदारी बिक्री का लॉन्ग-टर्म में कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि आईटीसी के लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावनाएं अभी भी मजबूत है। कंपनी लगातार FMCG बिजनेस से अपने मुनाफे को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे तोबैको बिजनेस पर इसकी निर्भरता भी कम होगी।
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StoxBox के रिसर्च एनालिस्ट, पार्थ शाह भी लॉन्ग-टर्म को लेकर भी बुलिश दिखे। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में यह कंपनी अपने शेयरधारकों के लिए काफी वैल्यू बनाएगी और उन्हें मीडियम से लॉन्ग-टर्म के लिए इस खबर को कोई खास असर नहीं दिख रहा है।
ITC में कोई प्रमोटर नहीं
बता दें कि आईटीसी में फिलहाल कोई प्रमोटर नहीं है। इसकी सबसे बड़ी शेयरधारक FII और DII ही है। FII के पास कंपनी की 43.3 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि DII के पास कंपनी की 42% हिस्सेदारी है। कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग करीब 14.7 फीसदी है। इसीलिए BAT का हिस्सेदारी आईटीसी के लिए अहम हो जाता है, क्योंकि सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है।
इंस्टीट्यूशनल निवेशकों में स्टॉक की मांग कायम
हालांकि गौरांग शाह का कहना है कि आईटीसी के स्टॉक के लिए बड़े इंस्टीट्यूशनल निवेशकों में अभी भी स्टॉक को लेकर काफी मांग है। ऐसे में यह हिस्सेदारी बिक्री कोई चिंता की बात नहीं है। गौरांग ने कहा कि यह सवाल जरूर हो सकता है कि इतनी बड़ी हिस्सेदारी कोई एक इंस्टीट्यूशनल निवेशक खरीदेगा या कई मिलकर खरीदेंगे। लेकिन खरीदार मिलने में दिक्कत होगी, ऐसे कोई बात नहीं है। इसके पास कारण यह है कि आईटीसी का बिजनेस काफी मजबूत है। हालिया तिमाही में भी इसके नतीजे काफी मजबूत रहे हैं और सबसे अहम बात कि इसमें आगे भी ग्रोथ की काफी संभावनाएं बाकी हैं।
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