इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (MeitY) ने 26 दिसंबर को सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को एडवाइजरी जारी करते हुए उनसे आईटी नियमों का पालन करने का अनुरोध किया है। मंत्रालय ने डीपफेक (deepfake) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) से पैदा हो रही गलत सूचनाओं को ध्यान में रखते हुए यह एडवाइजरी जारी की है।
एडवाइजरी जारी करने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और आईटी कंपनियों के प्रतिनिधियों, वकीलों आदि के साथ दो बार बैठक की।
इस एडवाइजरी में कहा गया है कि यूजर्स को ऐसे कंटेंट के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, जो IT नियमों के तहत पब्लिश नहीं किए जा सकते। एडवाइजरी में कहा गया है, ‘ऐसे कंटेंट जिन पर आईटी नियमों के तहत पाबंदी है, उनके बारे में यूजर्स को साफ और सटीक शब्दों में समझाया जाना चाहिए। खास तौर पर नियम 3(1)(बी) के तहत लिस्टेड कंटेंट को लेकर चीजें पूरी तरह से साफ होनी चाहिए।’
आईटी नियम 3(1)(बी) के तहत इंटरमीडियरीज के लिए यह जरूरी है कि वे अपने नियमों, रेगुलेशन, प्राइवेसी पॉलिसी और यूजर एग्रीमेंट के बारे में स्पष्ट तरीके से जानकारी मुहैया कराएं। साथ ही, यह जानकारी यूजर्स की पसंद की भाषा में दी जानी चाहिए। नियमों में यह भी कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि यूजर्स पाबंदी वाले कंटेंट को अपलोड, पब्लिश, स्टोर, अपडेट आदि नहीं कर सकें।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि डिजिटल इंटरमीडियरीज की यह भी जिम्मेदारी बनती है कि वे यूजर्स को आईपीसी और आईटी एक्ट 2000 में मौजूद नियम 3(1) (बी) के उल्लंघन से जुड़े दंड के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने नवंबर में सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य को एडवाइजरी जारी की थी।