Iran’s Attack On Israel: ईरान ने 13 अप्रैल को इजराइल पर हमले शुरू कर दिए, जिससे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव और क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ गया है। ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली हवाई हमले के जवाब में इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागीं हैं। अमेरिका, कनाडा, संयुक्त राष्ट्र, जर्मनी समेत कई देशों ने इजराइल पर ईरान के हवाई हमले की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के प्रति अमेरिका की ‘दृढ़ प्रतिबद्धता’ दोहरायी और हालात पर विचार विमर्श और आगे की कार्रवाई के लिए जी-7 देशों के नेताओं की एक बैठक करने की बात कही।
इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि शनिवार देर रात ईरान ने हमला किया और उस पर सैंकड़ों ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल दागीं। एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों से हमला हुआ। इनमें से 99 प्रतिशत को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। बाइडेन ने कहा, ‘‘हमने लगभग सभी ड्रोन और मिसाइल को मार गिराने में इजराइल की मदद की।’’
1 अप्रैल के हमले में ईरान के मरे थे 8 अधिकारी
ईरान के ‘इस्लामिक रिवॉल्यूशन गार्ड कॉर्प्स’ (IRGC) ने कहा कि हमला खास ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। सीरिया में 1 अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में एक टॉप कमांडर सहित IRGC के 7 अधिकारी मारे गए थे। ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था। बाइडेन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से शनिवार को फोन पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान और यमन, सीरिया एवं इराक के उसके हमदर्दों ने आज इजराइल में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए अप्रत्याशित हमला किया। मैं इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।’’
नेतन्याहू ने ईरानी हमले के बाद कैबिनेट की बैठक बुलाई और बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से बात की। नेतन्याहू ने कहा कि बाइडेन ने इजराइल की सुरक्षा के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई है। इजराइल की मदद करने के उनके निर्देश पर अमेरिकी सेना ने पिछले सप्ताह क्षेत्र में एयरक्राफ्ट और बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस डेस्ट्रॉयर भेजे थे।
जो बाइडेन ने कहा कि वह ईरान के इस हमले पर एकजुट डिप्लोमैटिक प्रतिक्रिया को कोऑर्डिनेट करने के लिए अपने साथी जी-7 नेताओं की मीटिंग बुलाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी टीम पूरे क्षेत्र में अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेगी और हम इजराइल के नेताओं के साथ संपर्क में रहेंगे। हालांकि हमने आज अपनी सेनाओं या प्रतिष्ठानों पर हमले नहीं देखे हैं, लेकिन हम सभी खतरों को लेकर सतर्क रहेंगे और हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।’’
संयुक्त राष्ट्र और कनाडा का क्या है कहना
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘मैं इस शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आग्रह करता हूं। क्षेत्र में विनाशकारी हमले से जुड़े वास्तविक खतरे को लेकर मैं बेहद चिंतित हूं। मैं सभी पक्षों से किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचने के लिए अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करता हूं, जो पश्चिम एशिया में कई मोर्चों पर बड़े सैन्य टकराव का कारण बन सकती है।’’
संयुक्त राष्ट्र महासभा के डेनिस फ्रांसिस ने पश्चिम एशिया में हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान ने दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हाल के हमले के बाद इजराइल पर हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के संदर्भ में अपनी कार्रवाई बताया है। ईरान के इस कदम ने पश्चिम एशिया में पहले से ही तनावपूर्ण और नाजुक शांति एवं सुरक्षा की स्थिति को और खराब कर दिया है।’’
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इजराइल के खिलाफ ईरान के हवाई हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम इजराइल के साथ हैं। हमास के 7 अक्टूबर के हमले का समर्थन करने के बाद ईरानी शासन का यह कदम इस क्षेत्र को और अस्थिर कर देगा।’’