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IPO के लिए भारत बना एशिया का सबसे अट्रैक्टिव मार्केट, बंपर डील की उम्मीद

IPO के लिए भारत बना एशिया का सबसे अट्रैक्टिव मार्केट, बंपर डील की उम्मीद

भारत आईपीओ के लिए एशिया का सबसे अट्रैक्टिव बाजार बन गया है। चुनाव खत्म होते ही, बंपर डील की उम्मीद है जो रिकॉर्ड बना सकती है। इंवेस्टर्स इस तेजी से बढ़ती हुई इकॉनमी में इंवेस्टमेंट का अवसर तलाश रहे हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक भारत में आईपीओ के जरिए लगभग 3.9 बिलियन डॉलर जुटाए जा चुके हैं, जो 2023 की समान अवधि से दोगुना से भी ज्यादा है। ये राशि दक्षिण कोरिया और हांगकांग में जुटाई गई राशि से भी ज्यादा है।

नई और मौजूदा कंपनियों के शेयरों की बिक्री में भी उल्लेखनीय उछाल आया है। आंकड़ों के मुताबिक, 2024 की पहली छमाही में इस तरह की बिक्री से करीब 18.64 बिलियन डॉलर जुटाए गए हैं, जो 2017 की आखिरी छमाही के रिकॉर्ड के लगभग बराबर है। अभी साल के सबसे बड़े IPO आने बाकी हैं, जैसे कि दक्षिण कोरिया की हुंडई मोटर कंपनी की भारत यूनिट का पहला शेयर बिक्री, जिससे करीब 2.5 बिलियन डॉलर जुटाए जा सकते हैं। यह भारत में अब तक के सबसे बड़े लिस्टिंग में से एक हो सकता है। बैंकर्स का कहना है कि यह तेजी अभी शुरुआत है।

कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और बोर्ड मेंबर वी जयशंकर कहते हैं कि इतनी सारी कंपनियां बाजार में आ रही हैं, यह अनोखी बात है। सभी सेक्टरों की कंपनियां आईपीओ के लिए आवेदन कर रही हैं और अपने तीन दशक से ज्यादा के करियर में मैंने पहली बार इतनी मजबूती देखी है। उन्हें लगता है कि चुनाव परिणाम के बाद इक्विटी कैपिटल मार्केट का कारोबार बढ़ेगा और यह गति 2025 तक भी बनी रहेगी।

भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ

भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में 8% से अधिक रही, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बढ़ावा मिला है। सिटीग्रुप इंक के भारत में इंवेस्टमेंट बैंक हेड राहुल सराफ का कहना है कि इंवेस्टर्स का ध्यान देश के मजबूत बेसिक एलिमेंट्स के साथ-साथ अलग-अलग सेक्टर की कहानियों और कंपनी प्रोफाइल पर है। चुनाव खत्म होने के साथ ही नीतियों को लेकर किसी भी तरह की अनिश्चितता दूर हो गई है, जिससे कंपनियां भारत की मजबूत संभावनाओं को भुनाने और अवसर की खिड़की का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं।

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