इनकम टैक्स रिटर्न भरना लोगों के लिए काफी अहम होता है। आईटीआर फॉर्म भरते समय अक्सर लोगों को ये कन्फ्यूजन होता है कि कौन सा फॉर्म उनके लिए सही रहेगा। ऐसे में आपको बता दें कि भारत में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए सात फॉर्म मौजूद हैं। आज हम आपको सातों प्रकार के आईटीआर फॉर्म के बारे में विस्तार से बताएंगे।
इनकम की जानकारी
इनकम टैक्स रिटर्न एक दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति या संस्था की आय और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी देता है। यह पूरे साल की आर्थिक गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने में भी मदद करता है। आईटीआर फॉर्म टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। इन फॉर्मों में आय, कटौती और टैक्स छूट आदि की जानकारी भरनी होती है। इससे टैक्स कानूनों का पालन सुनिश्चित होता है और सही टैक्स राशि की गणना में मदद मिलती है।
इनकम टैक्स रिटर्न
सबसे पहले, आपको यह पता लगाना होगा कि आपको कौन सा ITR फॉर्म भरना है। यह तय करने के लिए आपकी आय के सोर्स, निवास स्थान और वित्तीय लेनदेन जैसे फैक्टर को ध्यान में रखना होगा। आइए देखें किस फॉर्म का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है।
ये हैं ITR फॉर्म
ITR-1 (सहज): यह फॉर्म उन निवासी व्यक्तियों के लिए है जिनकी आय वेतन, एक मकान संपत्ति, अन्य सोर्स (ब्याज आदि) से होती है और कुल आय 50 लाख रुपये तक या कृषि आय 5000 रुपये तक है।
ITR-2: यह उन व्यक्तियों और हिंदू अनडिवाइडेड फैमली (HUF) के लिए है जिनकी आय व्यापार या पेशे से होने वाले मुनाफे और लाभ से नहीं होती है।
ITR-3: यह उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जिनकी आय बिजनेस या पेशे से होने वाले मुनाफे और लाभ से होती है।
ITR-4 (सुगम): यह फॉर्म उन व्यक्तियों, HUF और फर्मों के लिए है जो निवासी हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिन्हें बिजनेस और पेशे से अनुमानित आय होती है।
ITR-5: यह व्यक्तियों, HUF, कंपनियों और ITR-7 फॉर्म भरने वाले व्यक्तियों को छोड़कर अन्य के लिए है।
ITR-6: यह उन कंपनियों के लिए है, जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं।
ITR-7: यह उन लोगों और कंपनियों सहित के लिए है जिन्हें धारा 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) या 139(4E) या 139(4F) के तहत रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है।