ICICI Bank-ICICI Securities Merger: एसेट मैनेजमेंट कंपनी क्वांटम म्यूचुअल फंड ने ICICI Bank और ICICI Securities के प्रस्तावित विलय मामले में ICICI Securities की डीलिस्टिंग के खिलाफ वोटिंग की है। क्वांटम म्यूचुअल फंड का कहना है कि यह कदम फंड हाउस के यूनिटहोल्डर्स के लिए हानिकारक होगा। ICICI Securities ने जून 2023 में डीलिस्टिंग की योजना की घोषणा की थी। अगर ऐसा होता है तो ICICI Securities, ICICI Bank के पूर्ण मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी बन जाएगी।
ICICI Securities में ICICI Bank की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है। विलय के तहत ICICI Bank, इनवेस्टर्स को ICICI Securities के हर एक शेयर के बदले में ICICI Bank के 0.67 शेयरों की पेशकश करेगी। ICICI Securities की लिस्टिंग शेयर बाजार में 4 अप्रैल 2018 को 432 रुपये पर हुई थी, जबकि आईपीओ प्राइस 520 रुपये था। Quantum Mutual Fund की ICICI Securities में हिस्सेदारी 0.09 प्रतिशत है। फंड हाउस को विलय के तहत ICICI Securities के शेयरधारकों के लिए शेयर स्वैप रेशियो आकर्षक नहीं लग रहा है।
Quantum Mutual Fund की आपत्ति
फंड हाउस का अनुमान है कि दोनों कंपनियों के विलय से क्वांटम म्यूचुअल फंड के यूनिटहोल्डर्स को कम से कम 6.08 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। फंड हाउस के अनुसार, अगर ICICI Securities की लिस्टिंग के दिन रिवर्स मर्जर स्वैप रेशियो निर्धारित किया गया होता तो रेशियो, दोनों कंपनियों के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर ICICI Securities के हर 1 शेयर के लिए ICICI Bank के 1.65 शेयर होता। इसके अलावा, अगर ICICI Securities के आईपीओ प्राइस को बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल किया गया होता, तो शेयर स्वैप रेशियो कंपनी की लिस्टिंग के दिन ICICI Securities के हर 1 शेयर के लिए ICICI Bank के 1.9 शेयर होता।
क्वांटम म्यूचुअल फंड का अनुमान है कि मौजूदा स्वैप रेशियो, मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए कनसेंसस अर्निंग्स फोरकास्ट के आधार पर ICICI Securities की वैल्यू इसके अन्य सूचीबद्ध प्रतिद्वंदियों की तुलना में 30-77 प्रतिशत कम आंकता है। क्वांटम म्यूचुअल फंड ने कहा कि अगर कंपनी की वैल्यू सबसे कम PE (प्राइस टू अर्निंग्स) मल्टीपल पर भी आंकी गई होती तो मर्जर ऑफर कम से कम 30 प्रतिशत अधिक होता। अपने यूनिटहोल्डर्स के हितों की रक्षा के लिए, क्वांटम म्यूचुअल फंड ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का निर्णय लिया है।
Norges Fund Investment Bank विलय के पक्ष में
इस बीच ICICI Securities में सबसे बड़े पब्लिक शेयरहोल्डर, नॉर्वे के नॉर्गेस फंड इनवेस्टमेंट बैंक ने ICICI Securities की डीलिस्टिंग के पक्ष में मतदान किया है। नॉर्गेस फंड इनवेस्टमेंट बैंक की ICICI Securities में लगभग 3.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ई-वोटिंग 26 मार्च तक खुली रहेगी। ICICI Securities की डीलिस्टिंग के लिए दो तिहाई पब्लिक शेयरहोल्डर्स के सपोर्ट की जरूरत है। पब्लिक शेयरहोल्डर्स की कुल मिलाकर ICICI Securities में लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अब बाकी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के फैसले का इंतजार है।
कंपनी में 2.5 हिस्सेदारी के साथ LIC दूसरी सबसे बड़ी पब्लिक शेयरहोल्डर है। ICICI Securities में भारतीय इंश्योरेंस कंपनियों की 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी और म्यूचुअल फंड्स की 2 प्रतिशत हिस्सेदारी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की कुल हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। निवासी भारतीयों के पास लगभग 6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।