I.N.D.I.A Bloc Loktantra Bachao Rally: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A) की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ (Save Democracy Rally) 31 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित हो रही है। इस रैली को लेकर एक दिन पहले कांग्रेस ने कहा था कि इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की रक्षा करना नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाना है। हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता इस रैली को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित रैली के रूप में पेश कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि रैली से लोक कल्याण मार्ग (जहां प्रधानमंत्री का आवास है) को एक ‘कड़ा संदेश’ दिया जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का ‘समय पूरा हो गया है।
कांग्रेस के इस बयान में 31 मार्च को सुबह बीजेपी की ओर से काउंटर अटैक किया गया। कहा गया कि यह ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ नहीं है, बल्कि यह ‘परिवार बचाओ’ और ‘भ्रष्टाचार छिपाओ’ रैली है। BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस, DMK और RJD के नेताओं सहित कई अन्य नेताओं के भ्रष्टाचार के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि ये सभी आरोप 2014 से पहले के हैं, जबकि विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार अपने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन्हें भ्रष्टाचार की जांच में फंसा रही है।
‘जिन नेताओं को बताया चोर-बदमाश, अब उन्हीं से मिलाया हाथ’
त्रिवेदी ने आगे कहा कि रामलीला मैदान ने एक बार अन्ना हजारे के नेतृत्व में “भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत” आंदोलन की मेजबानी की थी। यह रविवार को “भ्रष्टाचार से ग्रस्त हर व्यक्ति” के लिए एक रैली की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों और आम आदमी पार्टी के एक साथ आने के संदर्भ में कहा, जिन लोगों ने कई नेताओं को चोर और बदमाश कहकर खारिज कर दिया था, उन्होंने उनसे हाथ मिला लिया है और यह एक अजीब और चौंकाने वाला दृश्य है। उनके नेता अब लालू प्रसाद यादव हैं, जो भ्रष्टाचार के कई मामलों में दोषी हैं।
त्रिवेदी ने आरोप लगाया, वे सभी अपने पुराने पापों को छिपाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। आगे कहा कि ये पार्टियां भारतीय राजनीति में विश्वसनीयता के संकट का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP विश्वसनीयता की राजनीति और अपने वादों को पूरा करने के ट्रैक रिकॉर्ड का प्रतीक है। विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आने का दावा करते हैं लेकिन वे खुद वंशवादी संगठन हैं, जिन्होंने कभी दूसरों को आगे नहीं बढ़ने दिया।
I.N.D.I.A ब्लॉक रैली में 27-28 दल शामिल
30 मार्च को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने I.N.D.I.A ब्लॉक की रैली को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें रमेश ने कहा था, ‘‘यह किसी व्यक्ति विशेष पर केंद्रित रैली नहीं है। इसीलिए इसे ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली कहा जा रहा है। यह किसी एक पार्टी की रैली नहीं है, इसमें करीब 27-28 दल शामिल हैं। ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन के सभी घटक इस रैली में हिस्सा लेंगे।’
रमेश ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के डेरेक ओ’ब्रायन समेत अन्य लोग रैली में हिस्सा लेंगे।
रैली के अहम मुद्दे
रमेश ने कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक ने 17 मार्च को मुंबई में लोकसभा चुनाव का अपना बिगुल फूंका था और चुनाव तारीख की घोषणा के बाद विपक्षी गठबंधन की यह दूसरी बड़ी रैली होगी। उन्होंने कहा कि इससे गठबंधन के बीच एकजुटता और एकता का संदेश भी जाएगा। रमेश ने कहा कि रैली में विपक्षी नेता बढ़ती महंगाई, 45 साल में सर्वाधिक बेरोजगारी दर, आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और किसानों के खिलाफ अन्याय के मुद्दे उठाएंगे। एक और प्रमुख मुद्दा जो उठाया जाएगा, वह है ‘केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल’ के माध्यम से विपक्ष को निशाना बनाना।
रमेश ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों को राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के प्रयास में दो मुख्यमंत्रियों और कई मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। यह उस मानसिकता को दर्शाता है कि प्रधानमंत्री, विपक्षी दलों को राजनीतिक और आर्थिक रूप से कमजोर करना चाहते हैं। रमेश ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ‘जबरन वसूली’ और कांग्रेस को ‘कर आतंकवाद’ (टैक्स टेररिज्म) से निशाना बनाए जाने के मुद्दे भी रैली में उठाए जाएंगे।
रैली का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य संविधान की रक्षा करना है। उन्होंने दावा किया कि संविधान खतरे में है, क्योंकि भाजपा नेता कह रहे हैं कि वे इसका पुनर्लेखन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर संविधान बदला गया, तो इसमें निहित धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और सामाजिक न्याय खतरे में पड़ जाएगा।