महबूबा मुफ्ती के बयान की जहां तक बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने ममता बनर्जी की कांग्रेस से नाराजगी की खबरों पर कहा है कि थोड़ी बहुत नाराजगी कोई मायने नहीं रखती। हम सब बड़े उद्देश्य को साथ लेकर चल रहे हैं।
विपक्षी गठबंधन इंडिया में हो रही उठापटक के बीच कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का साथ मिला है। जहां पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि थोड़ी बहुत नाराजगी तो हर जगह चलती रहती है वहीं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मुद्दे अलग होते हैं इसलिए भाजपा की जीत को 2024 के लोकसभा चुनावों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती के बयान की जहां तक बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने ममता बनर्जी की कांग्रेस से नाराजगी की खबरों पर कहा है कि थोड़ी बहुत नाराजगी कोई मायने नहीं रखती। हम सब बड़े उद्देश्य को साथ लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। हम सबको मिलकर उसे बचाना है।
दूसरी ओर, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनावों में अलग मुद्दे होते हैं इसलिए देखना होगा कि क्या 2024 के चुनाव भी विधानसभा चुनावों की तर्ज पर होते हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा राज्य चुनावों में हार जाती है, तो वे कहते हैं कि यह आम चुनाव नहीं है, बल्कि केवल विधानसभा चुनाव है और उनका लोकसभा चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन जब वे जीतते हैं तो इसे पीएम मोदी और केंद्र सरकार की सफलता बताते हैं। उन्होंने कहा कि यह सेमीफाइनल है या नहीं, इसका आकलन पांच साल पहले के उदाहरण से किया जा सकता है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पांच साल पहले कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में जीत हासिल की थी लेकिन जब संसद के चुनाव हुए तो कांग्रेस तीनों में हार गई। उन्होंने कहा कि इसलिए देखना होगा कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव भी इन तीन राज्यों की तर्ज पर होंगे।
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